उपमुख्यमंत्री के सपने पर विभाग ने फेरा पानी,आमजन बेहाल
स्वास्थ्य महकमें ने कहा इसको चलाने के लिए टेक्नीशियन का अभाव
कमलेश
खमरिया-खीरी:उत्तर प्रदेश के तेजतर्रार उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक आमजन को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने के लिए जहां नित नई योजनाओं को लागू कर धरातल पर लाने का प्रयास कर रहे है,वही ईसानगर क्षेत्र के अस्पतालों में तैनात जिम्मेदार उनकी मंशा पर पानी फेरने में कोई कोर कसर नही छोड़ रहे है। यहाँ स्वास्थ्य महकमे की स्थिति यह हो गई है कि अस्पतालों में तैनात डॉक्टर,स्टॉप नर्स सहित अन्य कर्मचारी विधिवत डियूटी करने में ही आनाकानी कर रहे है,वही दूसरी ओर वर्षों पहले आमजन की सुविधा के लिए लाखों रुपये खर्च कर लगवाई गई हेल्थ एटीएम मशीनें एक कोने में बैठकर आंसू बहा रही है। जिसके चलते आमजन को निःशुल्क होने वाली जांचे प्राइवेट लैब में करवाकर मोटी रकम खर्च कर जेबें खाली करनी पड़ रही है।
ईसानगर क्षेत्र की सीएचसी खमरिया व पीएचसी दुर्गापुर पड़री में आमजन की सुविधा के लिए वर्षों पहले लगाई गई हेल्थ एटीएम मशीन का क्षेत्रीय विधायक से फीता कटवाकर शुभारम्भ किया गया तो आमजन में निःशुल्क जांच होने को लेकर खुशी की लहर दौड़ गई थी,पर उनकी यह खुशी चंद दिनों बाद ही आंसुओं में बदल गई। हालात यह हो गए कि सीएचसी खमरिया व पीएचसी दुर्गापुर पड़री में हेल्थ एटीएम मशीन को एक कमरे के कोने में बैठा दिया गया, जहां वह आज भी काम करने की राह ताकते हुए आंसू बहा रही है। जिसकी वजह से आमजन को आवश्यक जांचों के लिए निजी लैब में जाकर मोटी रकम खर्च कर जेबे खाली करनी पड़ रही है। ताज़्जुब की बात तो यह है कि सब कुछ जानने के बाद भी जिम्मेदार चुप्पी साधे हुए है। इस बाबत स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने बताया कि इस मशीन को चलाने के लिए
टेक्नीशियन की तैनाती होनी चाहिए थी पर नही हुई,इसे सभी लोग ऑपरेट नही कर सकते इसी वजह से यह अस्पताल में पड़ी-पड़ी खाक छान रही है।
हेल्थ एटीएम मशीन से कौन कौन हो सकती है जांचे
इस एटीएम मशीन के जरिए आम आदमी कई टेस्ट करा सकते है। जिसमें ब्लड प्रेशर,ऑक्सीजन सेचुरेटेड लेवल,बॉडी प्रोटीन,बॉडी मास इंडेक्स,आंखों से जुड़े टेस्ट, ग्लूकोज, डायबिटीज और बॉडी टेंप्रेचर सहित 50 टेस्ट निशुल्क करा सकेंगे। इसमें लगाए गए ऑटोमेटिक सेंसर एक मिनट में 58 बीमारियों का पता लगाने की क्षमता रखते हैं। इसके जरिए कराए जाने वाले टेस्ट की रिपोर्ट मरीजों को व्हाट्सएप, एसएमएस या फिर उनके द्वारा पंजीकृत कराई गई ई-मेल पर तुरंत मिल सकेगी। फिर भी ताज़्जुब होता है कि आमजन को इतनी सुविधा एक साथ निःशुल्क देने के लिए जहां प्रदेश के तेजतर्रार उपमुख्यमंत्री ने लाखों खर्च करवाकर मशीनें अस्पतालों के सुपुर्द की थी वही आमजन को किनारे रख स्वास्थ्य महकमा उनके मंसूबो पर पानी फेरते हुए मशीनों को एक कोने में रखकर उन्हें बदहाल होने का इंतज़ार कर रहे है,जिसको लेकर ग्रामीणों में मायूसी छाई हुई है।