मध्यान भोजन के लिए गांव से पानी लाकर चलाया जा रहा काम
डीएम ने लिया संज्ञान,जल्द ही हैंडपम्प बनवाने का दिया आश्वासन
ईसानगर-खीरी:ईसानगर क्षेत्र में एक तरफ जहां हैंडपम्प रिबोर की जांच की चर्चा अभी थमी नही है,वही संविलियन विद्यालय पोखरा अचरौरा में करीब डेढ़ महीने से खराब पड़े हैंडपम्प की वजह से छात्र व शिक्षक बूंद-बूंद पानी को तरस रहे है। हाल यह है कि मध्यान भोजन बनाने के लिए रसोइयों को गांव से पानी लाकर काम चलाना पड़ रहा है,जिसको जानने के बाद भी जिम्मेदार चुप्पी साधे हुए है। जिम्मेदारों की चुप्पी देख आख़िरकार ग्रामीणों ने मंगलवार को डीएम से शिकायत की तो उन्होंने मामले को तत्काल संज्ञान लेकर अधीनस्थों को जल्द ही हैंडपम्प सही करवाने के निर्देश दिए है। इससे अब छात्रों,रसोइयों के साथ शिक्षकों में जल्द ही स्वच्छ पानी मिलने की आस जगी है।
ईसानगर क्षेत्र की ग्राम पंचायत पोखरा अचरौरा में स्थित संविलियन विद्यालय में लगा हैंडपम्प करीब डेढ़ महीने से खराब पड़ा है। जिसकी वजह से छात्रों के साथ शिक्षक भी बूंद-बूंद पानी को तरस रहे है। हाल यह है कि यहाँ तैनात रसोइयों को मध्यान भोजन बनाने के लिए स्कूल से 100 मीटर दूर गांव से पानी लाकर काम चलाना पड़ रहा है। इस दौरान स्कूल के टीचरों ने कई बार लिखित में शिकयत भी की पर जिम्मेदारों ने संज्ञान नही लिया। जिसको देख मंगलवार को ग्रामीणों ने जिला अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल को फ़ोन कर अवगत कराया तो उन्होंने मामले को संज्ञान लेकर अपने अधीनस्थों को तत्काल स्कूल का हैंडपम्प सही करवाने के निर्देश दिए है।
जांच टीम को नही दिखी छात्रों की समस्या
एक महीने से भी अधिक समय से बच्चों के साथ शिक्षक व रसोइया स्कूल में पानी को तरस रहे है,उन्हें ताज़्जुब तो तब हुआ जब इसी बीच हैंडपम्प रिबोर की जांच करने गई टीम ने भी स्कूल में खराब पड़े हैंडपम्प को देखा पर स्कूल मे पानी को लेकर उत्पन्न हुई समस्या को संज्ञान नही लिया। जिससे ज़िम्मेदार उदासीन हो गए और बच्चों के साथ शिक्षकों व रसोइयों को गांव से पानी लाकर काम चलाने के लिए जस का तस छोड़ दिया। इस बाबत शिक्षक सुनील कुमार की माने तो जब एक महीने पहले उन्होंने पानी की समस्या को लेकर लिखित में प्रार्थना पत्र दिया तो उन्हें यह कहकर टरका दिया गया था कि गांव में हैंडपम्प रिबोर की जांच चल रही है। जांच समाप्त होने के बाद ही स्कूल के हैंड पम्प को देखा जाएगा।
खीरी के ईसानगर से एकलब्य पाठक की रिपोर्ट