कमलेश
खमरिया-खीरी:बरसात शुरू होते ही ईसानगर क्षेत्र के लखपेड़ा गांव के पास शारदा नदी किनारे बने जर्जर बांध की लगातार बिगड़ती स्थिति अब बड़े खतरे में बदल चुकी है। बांध की मरम्मत को लेकर ग्रामीण बीते 5 वर्षों से प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं, लेकिन अब तक केवल कागजी खानापूर्ति ही देखने को मिली है। वही दूसरी ओर पोखरा अचरौरा गांव के पास घाघरा ने कृषि योग्य जमीनों का कटान शुरू कर दिया,जिसको लेकर सहमें ग्रामीणों ने कटान रुकवाने की व्यवस्था के लिए डीएम से गुहार लगाई है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार ईसानगर क्षेत्र के लखपेड़ा गांव के पास शारदा नदी किनारे बना बांध बरसात के दौरान बढ़े जलस्तर की वजह से जर्जर हो खतरे में दिखाई देने लगा हैं। इसको लेकर ग्रामीणों द्वारा एडीएम,जिलाधिकारी,बाढ़ खंड शारदानगर,तहसील प्रशासन और लेखपाल सहित सभी संबंधित अधिकारियों को सूचित किया गया,जिसके बाद बाढ़ खंड शारदानगर के अधिशासी अभियंता के निर्देश में सहायक अभियंता गजेंद्र कुमार वर्मा मौके पर पहुंचे भी लेकिन केवल फोटो खींचकर वापस लौट गए।
मौके पर ना तो कोई निरीक्षण रिपोर्ट बनी और ना ही मरम्मत को लेकर कोई स्पष्ट आश्वासन दिया गया,जिसको लेकर स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है। वही दूसरी ओर पोखरा अचरौरा गांव के पास घाघरा नदी ने कृषि योग्य जमीनों का कटान शुरू कर दिया जिसमें कौशल किशोर पुत्र कृपादयाल, दिलीप पुत्र माधव दयाल, पप्पू, राजू घनश्याम, दामोदर पुत्र रिखिराम, श्रवण पाठक पुत्र गिरिजाशंकर, राजकुमार, मंसाराम, जगदम्बा, घनश्याम, लालताप्रसाद, संतोष, उमेश, वीरेंद्र, सत्येंद्र, बैजनाथ आदि के खेत कटान की जद में आ गए है। जिसको लेकर ग्रामीणों ने डीएम को फ़ोन कर कटान रुकवाने के लिए व्यवस्था करने की गुहार लगाई,जिसे गंभीरता से लेते हुए डीएम ने बाढ़ खंड को भेजकर जल्द ही कटान रोकने के उपाय करने का अस्वासन दिया गया है।