एक सप्ताह के अंदर आधा दर्जन बगीचों का मिटा दिया गया नामोनिशान
वन विभाग ने कहा परमिट जारी होने के बाद काटे जा रहे है पेंड,उद्यान विभाग को नही कोई जानकारी
धौरहरा खीरी:उत्तर खीरी वन रेंज धौरहरा क्षेत्र में पर्यावरण बचाओ अभियान को पलीता लगाकर क्षेत्र में बचे आम के बगीचों का सफाया अनवरत जारी है। हाल यह है कि एक सप्ताह के भीतर करीब आधा दर्जन बगीचों का नामोनिशान मिटा दिया गया। इस कटान को लेकर वन विभाग जहां परमिट जारी होने के बाद कटान की बात कह रहा है वही उद्यान विभाग ने बीते एक वर्ष से किसी भी बगीचे के कटान को लेकर अनुमति न देने का दावा किया है। मामला क्या है यह तो उच्च स्तरीय जांच के बाद ही तस्वीर सामने आ पायेगी।
धौरहरा क्षेत्र में पर्यावरण बचाओ अभियान को पलीता लगाकर खुलेआम दिन हो या रात बचे हुए आम के बगीचों का सफ़ाया अनवरत जारी है। हाल यह है कि एक सप्ताह के भीतर ही महराजनगर में 20-20 पेंडो के दो बगीचे,धौरहरा में 10 पेंडो का बगीचा समेत खमरिया क्षेत्र के मोहम्मदापुर में 25 पेंडो के बगीचा समेत कटौली आदि क्षेत्रों में पेंडो को काटकर बेशकीमती लकड़ी को गैर जनपदों में बेचा जा रहा है। जिसको लेकर पर्यावरण प्रेमी जहां चिंतित नजर आ रहे है वही इन कटानो को लेकर वन विभाग के जिम्मेदार अलग अलग बयानबाजी कर अपना दामन बचाते हुए नजर आ रहे है।
वन विभाग ने कहा परमिट जारी हुआ तभी कटान,उद्यान विभाग ने एक वर्ष से किसी भी प्रकार के परमिट पर आख्या न लगाने का किया दावा
धौरहरा क्षेत्र में आम के पेंडो का हो रहा ताबड़तोड़ कटान को लेकर वन क्षेत्राधिकारी कार्यालय में तैनात वन दरोगा आर.के सिंह ने बताया कि मोहम्मदापुर में 25 आम के पेड़ , महराजनगर में 20-20 आम के पेड़ों के दो परमिट व धौरहरा कस्बे में 10 आम के पेड़ों का परमिट जारी हुआ है। परमिट के आधार पर ही आम के पेंडो का कटान किया जा रहा है। वही इनके विपरीत इस मामले में अहम भूमिका निभाने वाले जिला उद्यान विभाग अधिकारी के निर्देश के बाद उद्यान अधिकारी कार्यालय में तैनात अनिल वर्मा ने बताया कि बीते एक वर्ष से परमिट के सम्बन्ध में उद्यान विभाग द्वारा धौरहरा क्षेत्र में कटान के लिए कोई भी आख्या नहीं दी गई है और न ही वन कार्यालय धौरहरा से कोई भी फाइल प्राप्त हुई है,यह परमिट कैसे बन गये उन्हें इसके बारे में जानकारी नही है।फिलहाल कुछ भी हो क्षेत्र में अवशेष बचे बगीचों पर वन महक़मा की जानकारी में लकड़ी ठेकेदारों की नजरें टेढ़ी बनी हुई है। अगर जल्द ही इस कटान को लेकर उच्च स्तरीय जांच न हुई तो वह दिन दूर नही होंगे जब क्षेत्र में आम के पत्तो तक के लिए लोगो को दूसरे क्षेत्रों में जाना पड़ेगा।
लखीमपुर खीरी के धौरहरा से आयुष मौर्य की रिपोर्ट