सीएचसी अधीक्षक ने नोटिस जारी कर तीन दिन के अंदर जबाव दाखिल करने का दिया अल्टीमेटम
कमलेश
खमरिया-खीरी:सीएचसी खमरिया में दो सितंबर को जिले के तेजतर्रार मुख्य विकास अधिकारी के द्वारा की गई जांच में अस्पताल से गायब मिले डाक्टरों व कर्मचारियों का वेतन अवरुद्ध कर अधीक्षक ने सभी को नोटिस जारी कर तीन दिन के अंदर जबाब दाख़िल करने को कहा है। साथ ही बताया गया है कि समय से स्पष्टीकरण न देने पर विरुद्ध प्रशासनिक कार्रवाई के लिए लिए लिखा जाएगा। जिसके बाद से ही अनुपस्थित डाक्टरों व कर्मचारियों में अफ़रातफ़री का माहौल बना हुआ है।
खमरिया सीएचसी में दो सितंबर को अचानक निरीक्षण करने पहुचे मुख्य विकास अधिकारी अभिषेक कुमार की जांच के दौरान अस्पताल से आयुष चिकित्सक डॉक्टर माधवी जायसवाल,डॉ. शुभाष चंद्र, स्टॉप नर्स मोहित कुमार,वरिष्ठ सहायक दुर्गेश उपाध्याय,वार्ड आया राजकुमारी,स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी ममता श्रीवास्तव सहित कुल आठ डॉक्टर व कर्मचारी अनुपस्थित मिले थे। जिनको लेकर सीडीओ ने नाराजगी व्यक्त कर अधीक्षक डॉ. अमित कुमार सिंह को फटकार लगाकर अनुपस्थित डॉक्टर व कर्मचारियों पर त्वरित कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। जिसको गंभीरता से लेते हुए अधीक्षक डॉ.अमित कुमार सिंह ने सभी अनुपस्थित डाक्टरों को नोटिस जारी कर तीन दिवस के अंदर स्पष्टीकरण देने को कह समय से जबाब न देने पर विरुद्ध प्रशासनिक कार्रवाई के लिए लिए लिखने को कहा तो सभी मे अफ़रातफ़री का माहौल व्याप्त हो गया। इस बाबत सीएचसी अधीक्षक ने बताया कि अनुपस्थित आठ डॉक्टर सहित कर्मचारियों को नोटिस जारी कर तीन दिन के अंदर स्पष्टीकरण मांगा गया है,न देने पर विरुद्ध प्रशासनिक कार्रवाई के लिए लिखा जायेगा।
क्षेत्रवासियों की नजरों से ओझल रहने वाले अधिकांश डॉक्टर कर्मचारी ही जांच में फंसे
इस बाबत कस्बा खमरिया सहित आस पड़ोस के गांवों के लोगों ने बताया कि सीडीओ साहब अगर जांच न करते तो उन्हें सच्चाई का पता भी नही चलता। सीएचसी के साथ साथ ईसानगर पीएचसी में भी हालात लगभग एक जैसे ही है। यहाँ ऊंची पकड़ बनाकर अधिकांश डॉक्टर व कर्मचारी गांजर की जनता की सेवा न करने की जगह बाहर रहकर मौज करना अपनी शान समझते है। साथ ही कुछ ग्रामीणों ने बताया कि अभी हाल ही में ईसानगर पीएचसी की भी जांच हुई थी, जहां भी बड़ी संख्या में डॉक्टर कर्मचारी अनुपस्थित ही पाए गये थे। इनमें से जो डॉक्टर व कर्मचारी जांच में पकड़े गये है उनमें से अधिकांश का तो क्षेत्रवासियों ने चेहरा तक नही देखा है। वह कब अस्पताल आते है कब चले जाते है यह आमजनता की समझ से परे है। सीडीओ साहब की नजर इस ओर बनी रही तो शायद ही जांच में पकड़े गये डॉक्टर व कर्मचारी अपनी डियूटी नियम से करें बाकी तो राम ही जाने।