छात्र-उपस्थित पंजिका के साथ साफ सफाई करवाने में जुटे शिक्षक
हवन पूजन के बाद टीकाकरण कर बच्चों का ज़ोरशोर से हुआ स्वागत
कमलेश
खमरिया-खीरी:ईसानगर क्षेत्र में शासन की गाइडलाइन के अनुसार ग्रीष्मकालीन अवकाश समाप्त होने के बाद मंगलवार 171 परिषदीय विद्यालयों के साथ क्षेत्र के निजी,राजकीय व सरकारी कालेजों में शिक्षण कार्य शुरू हो गया। विद्यालय पहुचें शिक्षकों ने स्कूल की सफ़ाई कार्य करवाने के साथ साथ हवन पूजन कर बच्चों का स्वागत किया। वहीं बिजली व्यवस्था चौपट होने के चलते भीषण गर्मी को लेकर विद्यालयों में बच्चों की संख्या कम रही।
ग्रीष्मावकाश समाप्त होने के बाद मंगलवार को सरकारी विद्यालयों के साथ निजी स्कूल कॉलेजों के ताले खुल गए। सुबह विद्यालय पहुचें शिक्षकों ने विद्यालय की साफ सफाई कार्य को तवज्जों देकर जरूरी प्रपत्र बनाने के साथ साथ शिक्षण कार्य शुरू कर दिया। इस दौरान ब्लॉक के 171 परिषदीय विद्यालय जिसमें 49 कंपोजिट,105 प्राथमिक व 17 उच्च प्राथमिक विद्यालयों में सुबह से ही शिक्षकों ने घर घर जाकर बच्चों को स्कूल भेजने की अपील कर शिक्षण कार्य शुरू किया इस दौरान कंपोजिट स्कूल दरिगापुर में शिक्षक राजेश यादव ने स्टॉप के साथ बच्चो का टीकाकरण कर भव्य स्वागत किया। इसके साथ ही क्षेत्र के राजकीय विद्यालयों सहित बीबीएलसी इण्टर कालेज,पब्लिक इण्टर कालेज के अलावा सीताराम मनवार पब्लिक इण्टर कालेज महरिया,श्रीमती चंद्रप्रभा विद्या मंदिर इण्टर कालेज,मनोज पब्लिक स्कूल,सरस्वती शिशु मंदिर,राधा स्वामी सरस्वती शिशु मंदिर,जय गुरुदेव चिल्ड्रेन एकेडमी खमरिया,हरद्वारी लाल सरस्वती विद्या मंदिर इण्टर कालेज तमोलीपुर,डॉ.साकेत ओझा पब्लिक इण्टर कालेज कटौली व श्रीमती कलावती पब्लिक इण्टर कालेज रेहुआ में प्रधानाचार्य ने शिक्षकों संग माता सरस्वती की पूजा सहित हवन कर बच्चों का विद्यालय में ज़ोरशोर से स्वागत किया।
भीषण गर्मी में बेहाल दिखे बच्चे व रसोइया
मंगलवार को गर्मियों की छुट्टियों के बाद खुले परिषदीय विद्यालयों में पहुचें बच्चे करीब 40 डिग्री टेम्परेचर में बिजली के अभाव में कमरों के अंदर बैठने के दौरान बेहाल दिखे। वहीं मध्यान भोजन बना रही रसोइयों की गर्मी के चलते हालत बिगड़ी दिखी। इस दौरान रसोइया कलावती,राधा,पुष्पा देवी समेत अन्य ने बताया कि इतनी गर्मी में रसोई घर ऊपर से भी तप रहा है यहाँ न पंखा है न ही बिजली। जिसमें गैस के पास बैठकर भोजन बनाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।