डॉ ओपी भारती
सर्प दंश: बरसात का मौसम प्रकृति के सौंदर्य और जीवनदायिनी वर्षा के लिए जाना जाता है, लेकिन यह मौसम कुछ अनदेखे ख़तरों को भी जन्म देता है। इन खतरों में सबसे प्रमुख है – सांपों का बढ़ता प्रकोप। पानी भर जाने से ज़मीन के अंदर बसे उनके बिलों में साँस लेने की जगह नहीं बचती और यही कारण है कि वे बाहर निकलकर खुले स्थानों पर या मानव बस्तियों की ओर रुख करते हैं।
सर्पदंश यानी सांप का काटना एक गंभीर चिकित्सकीय आपातकाल है, जिसे केवल समय पर और वैज्ञानिक इलाज से ही ठीक किया जा सकता है। लेकिन दुर्भाग्यवश, सोशल मीडिया और व्हाट्सएप जैसे माध्यमों पर भ्रामक जानकारियां इतनी तेज़ी से फैल रही हैं कि लोग सही इलाज से भटक जाते हैं।
डॉ कुणाल वार्ष्णेय स्वास्थ्य व होम्योपैथी विशेषज्ञ बताते है कि इन दिनों एक भ्रामक संदेश वायरल हो रहा है जिसमें दावा किया जा रहा है कि NAJA 200 नाम की होम्योपैथिक दवा सांप काटने का रामबाण इलाज है।
यह बात पूरी तरह भ्रामक और खतरनाक है। NAJA 200 एक होम्योपैथिक दवा है और होम्योपैथी में इसका उपयोग कुछ मानसिक या तंत्रिका संबंधित लक्षणों के लिए किया जाता है — न कि सर्पदंश के इलाज के लिए। कोई भी होम्योपैथिक दवा विष को निष्क्रिय करने की क्षमता नहीं रखती।
डॉ. नवनीत गौरव कहते है कि सर्पदंश के बाद जो विष शरीर में प्रवेश करता है, वह बहुत तेज़ी से हृदय और मस्तिष्क तक पहुंचता है। और ऐसे में केवल और केवल एंटी-स्नेक वेनम ही है जो व्यक्ति की जान बचा सकता है।
किसी भी झाड़-फूंक, घरेलू नुस्खे या भ्रामक संदेशों पर भरोसा न करें।
सर्पदंश जैसी स्थिति में हर मिनट महत्वपूर्ण होता है इस लिए समय को बर्बाद न करें।
क्या न करें:
सांप को पकड़ने या मारने की कोशिश न करें।
कटे हुए स्थान पर चाकू या ब्लेड न चलाएं।
झाड़-फूंक या "रामबाण" दवाओं में समय बर्बाद न करें
क्या करें:
व्यक्ति को शांत रखें, हिलने न दें।
घाव को धोएं, साफ कपड़े से हल्का बांधें।
तुरंत नजदीकी सरकारी अस्पताल में पहुंचाएं – जहां एंटीवेनम उपलब्ध होता है।
बारिश के इस मौसम में हमें सावधान रहने की आवश्यकता है। खेत, आंगन, घर के कोने-कोने में साफ-सफाई रखें। रात में खुले में सोने से बचें और बच्चों को भी सतर्क रहने की सलाह दें।
भ्रम से बचें, विज्ञान को अपनाएं और सही इलाज करवाएं।