प्रतापगढ़। संयुक्त निदेशक अभियोजन हेमंत कुमार मिश्र शुक्रवार को सेवानिवृत्ति हुए। कार्यालय में शाशकीय अधिवक्ताओं की मौजूदगी में पत्रकारों से संयुक्त निदेशक ने अपने कार्यकाल के कामकाज को गिनाते हुए उन्होने कामकाज में शासकीय अधिवक्ताओं के सहयोग की प्रशंसा करते हुए बताया कि उनके कार्यकाल में जिले में भारतीय दंड संहिता में 15523 मामलों में सजा कराई गई। अधीनस्थ न्यायालय में 13803 मुकदमे में सजा हुई। सत्र न्यायालय में दंड संहिता में 78 मुकदमे ,अधीनस्थ मामलों में 80 मुकदमों में सजा कराई गई। पॉक्सो के 47 मुकदमा में सजा हुई जबकि एससीएसटी की कोर्ट में कुल 24 लोगों को सजा हुई। गैंगस्टर के मामलों में आठ अभियुक्त को कारावास हुआ। गंभीर मुकदमों में कुल 38 लोगों को आजीवन कारावास की सजा दिलाई गई। उन्होंने राज्य अभियोजन निदेशालय को धन्यवाद करते हुए बताया कि तत्कालीन डीएम के सहयोग से अभियोजन कार्यालय का कायाकल्प करने के लिए 14 लाख रुपए की रकम भेजी गई। अभियोजन के कर्मचारियों के साथ एपीओ,एसपीओ को कामकाज करने के लिए कचहरी परिसर में कार्यालय की स्थापना कराई गई। उन्होने कहाँ कि जब वह जनपद में कार्यभार ग्रहण किए थे तो उस समय भी लालगंज आउटलाइन कोर्ट के विरोध में अधिवक्ता संगठन की हड़ताल चल रही थी। शुक्रवार को जब वह रिटायर हो रहे हैं तो इस समय भी लालगंज आउटलाइन कोर्ट में एसीजीएम कोर्ट की स्थापना के विरोध में अधिवक्ता संगठन की हड़ताल चल रही है। अंत में डीजीसी राजस्व राघवेंद्र सिंह के अगुवाई मे शाशकीय अधिवक्ताओ ने पुष्पगुच्छ भेट कर विदाई दी। इस दौरान मुख्य रूप से डीजीसी क्रिमिनल योगेश कुमार शर्मा, एडीजीसी प्रदीप पांडेय, अरुण सिंह, देवेन्द्र गुप्ता, अनिल मिश्र, रवीन्द्र बहादुर सिंह, इन्द्र विक्रम सिंह,कृष्ण चंद्र पांडेय, इंद्रकांत पांडे,अशोक त्रिपाठी, देवेंद्र त्रिपाठी, निर्भय सिंह,सुरेश बहादुर सिंह,देवेंद्र कुमार गुप्ता,अजय पांडेय,राकेश प्रताप सिंह,अंबिकेश मणि त्रिपाठी, अभय सिंह,काशीनाथ तिवारी सहित आदि मौजूद रहे।