लखनऊ IISR और खीरी की गोबिंद शुगर मिल्स के बीच समझौता, गन्ना किसानों को मिलेगी आधुनिक यंत्रीकरण तकनीक, जलवायु-अनुकूल किस्में और डिजिटल सलाह।
गन्ना किसानों के लिए बड़ी खबर: लखनऊ आईआईएसआर और गोबिंद शुगर मिल्स के बीच ऐतिहासिक समझौता, खेती में आएगा क्रांतिकारी बदलाव!
गन्ना यंत्रीकरण, सुरक्षा तकनीक और डिजिटल कृषि पर होगा फोकस, किसानों को मिलेगा सीधा फायदा
कमलेश
लखीमपुर-खीरी।गन्ना किसानों के जीवन में जल्द ही बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। लखनऊ स्थित भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान (IISR) और खमरिया स्थित गोबिंद शुगर मिल्स ऐरा के बीच एक ऐतिहासिक समझौता (MoU) हुआ है, जो न सिर्फ खेती की परंपरागत विधियों में सुधार लाएगा, बल्कि आधुनिक तकनीकों के साथ किसानों की आमदनी और सुविधा दोनों को बढ़ाने में मदद करेगा।
यह समझौता आईआईएसआर के निदेशक डॉ. आर. विश्वनाथन और शुगर मिल्स प्रबंधक आलोक सक्सेना के बीच संपन्न हुआ। दोनों संस्थानों ने हाथ मिलाकर भविष्य की टिकाऊ और स्मार्ट गन्ना खेती की नींव रख दी है।
क्या मिलेगा किसानों को?
इस समझौते के बाद अब गन्ना किसानों को मिलेंगे:
- आधुनिक गन्ना यंत्रीकरण तकनीकें
- जलवायु परिवर्तन के अनुकूल नई गन्ना किस्में
- जल, मृदा और फसल प्रबंधन के डिजिटल समाधान
- मोबाइल आधारित सलाह और तकनीकी मार्गदर्शन
- प्रशिक्षित वैज्ञानिकों से सीधी मदद और फील्ड ट्रेनिंग
क्यों है यह समझौता खास?
इस साझेदारी के जरिए न सिर्फ उत्पादन बढ़ेगा, बल्कि शुगर मिल्स की आर्थिक सेहत भी मजबूत होगी। साथ ही, गन्ना किसानों के लिए यह समझौता एक नई उम्मीद की तरह है, जहां तकनीक, प्रशिक्षण और अनुसंधान के ज़रिए खेती को आसान और लाभकारी बनाया जाएगा।
समझौते में इन बातों पर विशेष ज़ोर दिया गया:
- किसानों के लिए तकनीकी पुस्तिकाएं और वीडियो गाइड
- बीज गन्ना और नर्सरी प्रबंधन में नई प्रणाली
- स्थान-विशिष्ट सिफारिशें और जमीनी स्तर की रिसर्च
- शुगर मिल्स को तकनीकी और आर्थिक मजबूती देना
वैज्ञानिकों की रही खास मौजूदगी
इस मौके पर IISR के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. एल.एस. गंगवार, डॉ. एम. स्वप्ना, डॉ. फौज़िया तरन्नुम और आशुतोष अग्रवाल भी उपस्थित रहे, जिन्होंने बताया कि यह साझेदारी आने वाले वर्षों में उत्तर प्रदेश की गन्ना खेती में नए युग की शुरुआत करेगी।