गोंडा में गेहूं की दवरि कटाई के दौरान मजदूरी कर रहे 36 वर्षीय श्यामू कोरी की मौत, थ्रेसर का बैलेंसर पहिया सीने में घुसा। गांव में पसरा मातम।
गोंडा की मिट्टी में मिला मजदूरी का मोल: थ्रेसर ने ली श्यामू की जान
कृष्ण मोहन
गोंडा, उत्तर प्रदेश | कोतवाली देहात क्षेत्र के सरदारपुरवा गांव में आज एक मजदूर की जिंदगी, एक मशीन की मार बन गई। दिन था रविवार, तारीख 21 अप्रैल 2025। शाम के वक्त जब खेतों में गेहूं की दवरि (पराली) की कटाई चल रही थी, उसी वक्त बरूई गोदहा गांव निवासी 36 वर्षीय श्यामू कोरी मेहनत की तलाश में खेत पर पहुंचा था।
श्यामू वहां खुद की फसल काटने नहीं, बल्कि किसी और के खेत में मजदूरी करने गया था। उसे क्या पता था कि ये मजदूरी उसकी ज़िंदगी की आखिरी दिहाड़ी होगी।
थ्रेसर स्टार्ट किया, और ज़िंदगी थम गई...
जैसे ही श्यामू ने थ्रेसर मशीन स्टार्ट की, उसी वक्त मशीन का बैलेंसर पहिया तेज गति से टूटकर उड़ गया और सीधा उसके सीने में जा लगा। आवाज इतनी जोरदार थी कि आसपास काम कर रहे लोग चौंक गए। लेकिन जब तक कोई दौड़कर पहुंचता, श्यामू की सांसें थम चुकी थीं। थ्रेसर की गड़गड़ाहट के बीच हुई यह मौत एक पल में सबको खामोश कर गई।
गांव में मातम, मजदूरी की कीमत मौत!
इस हादसे के बाद गांव में मातम छा गया है। श्यामू भले ही किसी खेत का मालिक न रहा हो, लेकिन उसकी मेहनत की गवाही उस खेत की मिट्टी खुद दे रही है।
श्यामू को कितने लोग रोने आए, यह तो नहीं पता-but वो जिस दर्द से गुज़रा, वो गांव के हर मजदूर की आंखों में डर बनकर उतर गया।
पंचायतनामा की कार्रवाई जारी
पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पंचायतनामा की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह हादसा मशीन की खराबी से हुआ या लापरवाही से, यह जांच के बाद ही साफ होगा।