बृजेश गुप्ता
उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती जिले में जब लोगों का सब कुछ तबाह हो गया था, बाढ़ का पानी वाशिंदों के घरों और खेतों की खुशियां छीन चुका था, तब तहसील का एक कर्मचारी अपनी जेब भारी करने में लगा हुआ था। अधिकारियों ने जिन हाथों में मदद की जिम्मेदारी सौंपी थी, वही हाथ भ्रष्टाचार में लिप्त हो गए थे, ऐसे में ग्रामीणों में इंसाफ की उम्मीद नहीं बची थी, लेकिन उन्होंने अपने अधिकारों के लिए लड़ते हुए कर्मचारी के रिश्वतखोरी का भंडाफोड़ कर दिया था। जिसके बाबत पुलिस ने रिश्वतखोर लेखपाल प्रेम नारायण थापा को गिरफ्तार कर लिया है।
जानिए क्या है मामला: दरअसल जिले के इकौना थाना क्षेत्र में तैनात लेखपाल ने बाढ़ पीड़ितों को राहत एवं अनुदान देने के बदले गरीबों, किसानों और पीड़ित परिवारों से मोटी रकम कमाने में लगा हुआ था। ग्रामीणों से वसूली का यह काम लगातार हो रहा था, जिससे उनका गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने रिश्वत लेते हुए लेखपाल का वीडियो बनाकर इंटरनेट पर प्रसारित कर दिया था। जिससे लेखपाल के रिश्वतखोरी की पोल खुल गई थी। वीडियो को संज्ञान में लेते हुए हरकत में आई पुलिस ने ग्रामीणों के शिकायत पर इकौना थाना में मुकदमा दर्ज कर लिया था।
कानूनी पैंतरेबाज़ी फेल: अभियोग पंजीकृत होने के बाद लेखपाल ने खुद के बचाव में कानूनी दांव पेंच आजमाया, गिरफ्तारी से बचने के लिए हाईकोर्ट में अपील की, लेकिन भ्रष्टाचार का मामला होने के कारण अदालत ने सख्त रुख अख्तियार किया। लेखपाल के गिरफ्तारी की अपील खारिज कर दी।
आरोपी गिरफ्तार: अपील खारिज होने के बाद इकौना पुलिस ने बिना समय गवाएं कार्रवाई शुरू कर दी, पुलिस को पता चला कि आरोपी लेखपाल प्रेम नारायण थापा जमुनहा तहसील के पास मौजूद है। पुलिस टीम ने मौके पर पहुंचकर लेखपाल को घेरकर तहसील गेट के पास से गिरफ्तार कर लिया। आरोपी लेखपाल को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत न्यायालय रवाना किया गया है।