सहायक लेखाकार मनरेगा,तकनीकी सहायक,अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी व सहायक लेखाकार जांच दायरे में
कमलेश
लखीमपुर-खीरी:जनपद के ईसानगर ब्लॉक की ग्राम पंचायत कबिरहा में एक अजोबोग़रीब मामला सामने आया है,जहां रोजगार सेवक ने पंचायत सचिव के फर्जी
हस्ताक्षर बनाकर सहायक लेखाकार मनरेगा,तकनीकी सहायक,अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी व सहायक लेखाकार से मनरेगा में मजदूरों के 629 दिवस की हाज़िरी की एमबी बनवाकर डेढ़ लाख रुपये का गबन कर लिया। इसी बीच इसकी भनक पंचायत सचिव को लगी तो ब्लॉक में अफ़रातफ़री मच गई। वही मामले को गंभीरता से लेते हुए बीडीओ ने जांच करवाकर दोषियों पर कठोर कार्रवाई करते हुए रोज़गार सेवक पर पंचायत सचिव से मुकदमा दर्ज करवा दिया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार ईसानगर ब्लॉक की ग्राम पंचायत कबिरहा में तैनात रोजगार सेवक रामकुमार ने वर्ष 2024-25 में मनरेगा के अंतर्गत 629 दिवस के कार्य की फर्जी पत्रावली बनाने के बाद उस पर पंचायत सचिव के फर्जी हस्ताक्षर करने के बाद फाइल को आगे बढ़ाते हुए सहायक लेखाकार मनरेगा उमाशंकर,तकनीकी सहायक अवनीश मिश्रा,अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी सत्यम शुक्ला व सहायक लेखाकार जितेंद्र श्रीवास्तव से स्वीकृत करवा ली। उसके बाद 1,49073 रुपये का भुगतान पास करवा लिया गया। जिसकी भनक ग्राम पंचायत सचिव अभिषेक वर्मा को लग गई,तो उन्होंने आननफानन में इसकी शिकायत बीडीओ प्रदीप कुमार से की,जिसको गंभीरता से लेते हुए बीडीओ ने जांच कमेटी गठित करवाकर जांच पूरी करके प्रथम दृष्ट्या रोजगार सेवक को दोषी पाकर उस पर पंचायत सचिव अभिषेक वर्मा से तहरीर दिलवाकर ईसानगर थाने में मुकदमा लिखा दिया वही अन्य सभी दोषियो पर भी कठोर कार्रवाई करने की तैयारी शुरू कर दी है। जिसके बाद से कबिरहा समेत ब्लॉक में अफ़रातफ़री मची हुई है। इस बाबत बीडीओ प्रदीप कुमार ने बताया कि फिलहाल रोजगार सेवक पर मुकदमा दर्ज करवा दिया गया है,इसमें शामिल अन्य लोगों पर भी जल्द ही कठोर कार्रवाई की जाएगी।
प्रधान के भी हस्ताक्षर संदिग्ध, बिचौलियों पर शक की दौड़ रही सुई
इस बाबत चर्चा यह भी है कि ग्राम प्रधान मुंशीलाल को इस मामले में जरा सी भी जानकारी नही है,वह गांव में हो रहे कार्यों के बारे में भी सही से नही जानता। बताया यह भी जाता है कि इस घपले में कुछ बिचौलिए भी शामिल है,जो रोजगार सेवक से मिलकर कार्य को अंजाम दे सरकारी धन का गबन करवा दिया। शुक्र है कि समय रहते इसकी भनक ग्राम पंचायत सचिव को लग गई,जिससे जानकारी पाकर बीडीओ ने जांच करवाकर कार्रवाई शुरू कर दी। इस बाबत ग्राम पंचायत अधिकारी अभिषेक वर्मा ने बताया कि जिस पत्रावली की एमबी पास करवाकर गड़बड़ी की गई वह पत्रावली उनके संज्ञान में नही थी,जैसे ही इनकी भनक उन्हें लगी तो छानबीन की,जिसमें उनके दस्तख़त फर्जी मिले है।