स्कूल के कमरे में केंद्र का हो रहा संचालन,शिकायतों का नहीं हुआ असर
ईसानगर-खीरी:ईसानगर क्षेत्र के मटरिया गांव में वर्षों पहले लाखों रुपए लगाकर बनवाया गया आंगनबाड़ी केंद्र सफेद हाथी बनकर रह गया। जिम्मेदारों की हीला हवाली के चलते करीब 8 साल बाद भी अधूरा पड़ा भवन विभाग व कार्यकत्री को हैंडओवर नहीं हो पाया जिसकी वजह से आंगनबाड़ी कार्यकत्री मजबूरन अपना केंद्र प्राथमिक स्कूल के भवन में लगाने को मजबूर है। इस दौरान लाखों रुपए लगाकर बनवाए गये भवन को लेकर तत्कालीन ग्राम प्रधान ने विभाग से शिकायतें भी की थी,बावजूद इस ओर किसी ने देखना मुनासिब नहीं समझा,जिसको लेकर तरह तरह की चर्चाएं व्याप्त है।
ईसानगर ब्लाक के मटरिया गांव में बने सरकारी स्कूल परिसर में करीब 8 वर्ष पहले लाखों रुपए लगाकर बनवाया गया आंगनबाड़ी केंद्र सफेद हाथी बनकर खड़ा है। भवन में अधूरे पड़े कार्य को जिम्मेदारों ने आज तक पूरा करवाना मुनासिब नहीं समझा। जिसकी वजह से आंगनबाड़ी कार्यकत्री विजय लक्ष्मी को मजबूरन अपना केंद्र प्राथमिक स्कूल के कमरे में लगाकर काम चलना पड़ रहा है। बताया यह भी जा रहा है की अधूरे पड़े आंगनबाड़ी केंद्र के भवन को लेकर तत्कालीन ग्राम प्रधान ने विभाग को कई शिकायती प्रार्थना पत्र भी दिए थे,बावजूद आज तक किसी भी जिम्मेदार ने इस ओर ध्यान देना मुनासिब नहीं समझा। जिसके चलते आंगनबाड़ी केंद्र प्राथमिक स्कूल के भवन में संचालित हो रहा है। इस बाबत ईसानगर सीडीपीओ प्रियंका देवी ने बताया कि अधूरे पड़े भवन की जानकारी उन्हें भी जल्द ही में हुई है,पता चला है कि अभी भवन विभाग को हैंडओवर नहीं हुआ है,इस बाबत बीडीओ सर व ग्राम पंचायत अधिकारी से बात कर जल्द ही इसको दिखवाया जायेगा।
ठेके पर बनवाया गया था भवन,ठेकेदार का पता नहीं
इस बाबत लोगों की माने तो उक्त भवन ठेके पर बनवाया गया था। जिसमें संबंधित ठेकेदार काम पूरा किए बगैर ही रफूचक्कर हो गया था,तब से लेकर अब तक भवन जस का तस खड़ा है। इतने वर्ष हो जाने के बावजूद भी इसकी तरफ जिम्मेदारों ने ध्यान नहीं दिया,यह समझ से परे है। साथ ही यह भी बताया जा रहा है कि भवन में फर्श समेत कुछ अन्य कार्य पूरे नहीं हुए उससे पहले ही भवन बनवा रही संस्था लापता हो गई। जिसकी वजह से आजतक भवन विभाग समेत आंगनबाड़ी कार्यकत्री को हैंडओवर नहीं हो सका। फ़िलहाल कुछ भी हो उक्त भवन कार्यदायी संस्था द्वारा इतने वर्षों बाद भी आंगनबाड़ी विभाग व कार्यकत्री को हैंडओवर क्यों नहीं करवाया गया यह तो जांच के बाद ही पता चल सकेगा।
ईसानगर से एकलव्य पाठक की रिपोर्ट