सरयू नदी घाट पर दोपहर बाद भी श्रद्धालु करते रहे स्नान दान
कमलेश
खमरिया खीरी:वैशाखी अमावस्या पर धौरहरा क्षेत्र में श्रद्धालुओं ने सरयू नदी घाट पर स्नान कर भगवान शिव के मंदिरों में पूजा अर्चना कर दान भी दिया। रविवार को सुबह से ही श्रद्धालु खीरी -बहराइच जनपद के बॉर्डर पर स्थित जालिमनगर पुल के नीचे सरयू नदी के घाट पर पहुच कर स्नान दान कर पूजा अर्चना शुरू कर दी जो दोपहर बाद भी जारी रही। यही नहीं वैशाखी अमावस्या को लेकर कफारा में भगवान श्री लीलानाथ शिव मंदिर,नरैना बाबा मंदिर व पीलीभीत बस्ती मार्ग पर शारदा नदी के किनारे स्थित जंगलीनाथ मंदिर जसवंतनगर में लगे मेले में पहुचकर भक्तों ने भगवान शिव के दर्शन कर पूजा अर्चना के साथ भगवान सत्यनारायण की कथा भी सुनी।
रविवार को वैशाखी अमावस्या के अवसर पर क्षेत्र में खीरी व बहराइच जनपद के बॉर्डर पर स्थित जालिमनगर पुल के समीप सरयू नदी के घाट पर दोनो जनपदों के श्रदालु सुबह से ही पहुचकर नदी में स्नान दान कर बने लिलौटीं नाथ मंदिर में भगवान शिव के दर्शन करने का सिलसिला शुरू कर दिया जो दोपहर बाद भी जारी रहा। वहीं इस विशेष अमावस्या पर श्रदालु ब्रत रखकर जौ से बने सेतुआ को भगवान पर चढ़ाकर प्रसाद ग्रहण करते है। इसके साथ साथ क्षेत्र के कफारा में स्थित पौराणिक भगवान श्री लीलानाथ शिव मंदिर समेत नरैना बाबा मंदिर व पीलीभीत बस्ती मार्ग पर शारदा नदी के किनारे स्थित जंगलीनाथ मंदिर जसवंतनगर में लगे मेले में पहुचकर भगवान शिव के दर्शन कर पूजा अर्चना करते रहे।
इस दौरान पंडित रशीश अवस्थी ने बताया कि आज वैशाखी अमावस्या को सेतुआही अमावस्या भी कहा जाता है आज के दिन नदी में स्नान के बाद सूर्य को अर्घ्य देकर पितरों का तर्पण किया जाता है।धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अमावस्या के दिन महिलाएं पति की लंबी आयु की कामना के लिए व्रत भी रखती हैं।