गोंडा के नवाबगंज क्षेत्र के खरगुपुर गांव में 316 लोगों को मिली घरौनी। वर्षों से आबादी की जमीन पर रह रहे ग्रामीणों को मिला वैध मालिकाना हक, अब ले सकेंगे बैंक से लोन।
पंश्याम त्रिपाठी बनारसी मौर्या
गोंडा (नवाबगंज)।जिस जमीन पर पीढ़ियों से रह रहे थे, आज उसी पर कानूनी हक मिलना इन 316 ग्रामीणों के लिए किसी सपने के सच होने जैसा था। नवाबगंज क्षेत्र के खरगुपुर गांव में मंगलवार का दिन एक ऐतिहासिक मोड़ लेकर आया, जब वहां के 316 लाभार्थियों को वर्षों की प्रतीक्षा के बाद "घरौनी" प्रमाणपत्र सौंपा गया।
अब सिर्फ दीवारें नहीं, असली 'अपना घर' है ये!
आबादी की जमीन पर वर्षों से काबिज लोग अब तक सिर्फ एक डर के साए में जीते थे "अगर कोई कागज मांग ले तो क्या होगा?"
लेकिन अब सरकार की महत्वाकांक्षी 'स्वामित्व योजना' के तहत मिले दस्तावेजों ने इन परिवारों को न सिर्फ कानूनी सुरक्षा दी है, बल्कि अब वे बैंक से लोन लेकर अपने घर को और बेहतर बना सकते हैं।
जमीनी अधिकार का उत्सव बना घरौनी वितरण कार्यक्रम
मंगलवार को आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि शारदा कांत पांडे ने ग्रामीणों को दस्तावेज सौंपकर कार्यक्रम की शुरुआत की।
उन्होंने इस कार्य में लगे लेखपाल बृज किशोर सिंह, राजस्व निरीक्षक नंद कुमार और नायब तहसीलदार संतोष यादव की सराहना करते हुए कहा कि “इन अधिकारियों की मेहनत ने गांव के हर गरीब को उसका कानूनी हक दिलाया है।”
खुशी की चमक, आंखों में सपनों की झलक
जब जलील, संतराम, राजाराम, रतिभान, रामदेव और खुशीराम जैसे ग्रामीणों को हाथ में अपने घर की घरौनी मिली, तो चेहरे पर जो संतोष और गर्व था, वो बयां नहीं किया जा सकता।
गांव के बुजुर्गों ने इसे आज़ादी के बाद सबसे बड़ी राहत बताया। कुछ महिलाओं की आंखों में खुशी के आंसू भी छलक उठे “अब कोई हमें हमारे आंगन से नहीं हटा सकता।”