गोंडा के कृषि विज्ञान केंद्र में तीन दिवसीय गन्ना प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू हुआ, जिसमें विशेषज्ञों ने मल्चिंग, टिश्यू कल्चर, सिंचाई और यंत्रीकरण जैसी उन्नत तकनीकों पर जानकारी दी।
गोंडा में शुरू हुआ गन्ना उत्पादन तकनीक का तीन दिवसीय रोचक प्रशिक्षण, किसान बनेंगे तकनीकी मास्टर
कृष्ण मोहन
गोंडा, 9 अप्रैल 2025 – गन्ने की मिठास अब किसानों की मेहनत और तकनीक के संगम से और बढ़ेगी! गन्ना विकास विभाग, गोंडा के सौजन्य से मुख्यमंत्री गन्ना कृषक विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत आज से मनकापुर के कृषि विज्ञान केंद्र में तीन दिवसीय मास्टर ट्रेनर प्रशिक्षण कार्यक्रम की शानदार शुरुआत हुई।
कार्यक्रम का शुभारंभ गौरा विधायक प्रभात कुमार वर्मा ने दीप प्रज्वलन कर किया। मंच पर मौजूद थे – श्री यू.पी. सिंह (अध्यक्ष, सहकारी गन्ना विकास समिति), डॉ. आर.बी. राम (उप गन्ना आयुक्त), सुनील कुमार सिंह (जिला गन्ना अधिकारी), और राजकुमार ताया (महाप्रबंधक, बलरामपुर चीनी मिल्स) जैसे अनुभवी विशेषज्ञ, जिन्होंने किसानों को आधुनिक खेती की बारीकियों से रूबरू कराया।
तकनीक की खेती में उगता भविष्य
तीन दिनों तक चलने वाले इस प्रशिक्षण में किसानों को बताया जाएगा कि कैसे टिश्यू कल्चर, मल्चिंग, सिंगल बड विधि और फसल सुरक्षा तकनीकों से गन्ने की पैदावार और गुणवत्ता को दोगुना किया जा सकता है।
डॉ. हनुमान प्रसाद पांडे ने पोषक तत्व प्रबंधन पर रोशनी डाली, तो डॉ. रामलखन सिंह ने सिंचाई और यंत्रीकरण को गन्ना खेती की रीढ़ बताया। वहीं डॉ. डी.के. श्रीवास्तव ने कार्बनिक खादों के महत्व से सबको अवगत कराया।
किसानों का उत्साह चरम पर
इस अवसर पर वरिष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक अब्दुल आजाद अंसारी, अफसर हुसैन खान सहित दर्जनों गन्ना पर्यवेक्षक और प्रगतिशील कृषक मौजूद रहे। सभी ने इस प्रशिक्षण को एक ‘खेती की क्रांति’ करार दिया।
तीन दिन, ढेर सारी जानकारी
यह प्रशिक्षण सिर्फ भाषणों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि किसानों को प्रैक्टिकल डेमो के जरिए तकनीक से खेती करने की दिशा में अग्रसर किया जाएगा। इसके जरिए वह खुद ‘मास्टर ट्रेनर’ बनकर अपने-अपने क्षेत्रों में तकनीक का प्रचार कर सकेंगे।