गोंडा के नवाबगंज में कर्ज से परेशान महिला ने फंदा लगाकर दी जान। कमरे में झूलता मिला शव, परिजनों ने बताई विवाद की वजह। पढ़ें पूरी घटना की भावनात्मक कहानी।
गोण्डा की बहू की फंदे पर मौत: कर्ज की किश्तें बनीं सांसों की दुश्मन, देवरानी ने खोला दरवाज़ा तो टूटी खामोशी
पंश्याम त्रिपाठी/बनारसी मौर्या
नवाबगंज (गोंडा):गोण्डा के नवाबगंज कस्बे में मंगलवार की दोपहर उस वक्त मातम पसर गया, जब शुगर मिल के पास बड़ई पुरवा वार्ड में एक 35 वर्षीय विवाहित महिला का शव उसके कमरे में फंदे से झूलता मिला। घर के भीतर पसरा सन्नाटा तब टूटा, जब मृतका की देवरानी सोनम ने कमरे का दरवाजा खोला—और सामने जो मंजर था, उसने सभी को हिला कर रख दिया।
मृतका ममता देवी की शादी 18 साल पहले बस्ती जिले के पैकोलिया थानाक्षेत्र के बसहा गांव से नवाबगंज निवासी संदीप के साथ हुई थी। संदीप पेशे से बढ़ई है और रोज़ की तरह सोमवार सुबह भी काम पर चला गया था। पीछे छूट गई थी ममता, एक सन्नाटा और दो मासूम बच्चों की मां—9 साल का युवराज और 5 साल की महक।
जब ममता देर तक कमरे से बाहर नहीं आई, तो संदीप की 19 वर्षीय बहन सोनम ने अंदर झांका। जो देखा, उससे उसके होश उड़ गए—ममता दुपट्टे के सहारे छत के हुक से लटक रही थी। न कोई चीख, न कोई अलार्म—बस खामोशी में सिमटी मौत।
परिजनों के मुताबिक, ममता पर महिला समूह से लिए गए कर्ज और उसकी किश्तें चुकाने का भारी दबाव था। आए दिन पति-पत्नी के बीच इसी बात को लेकर तनातनी होती थी। मायके पक्ष को इस घटना की जानकारी मृतका की बहन नीरज ने दी, जो पड़ोस में ही ब्याही है। सूचना पर पहुंची पुलिस ने पति संदीप की तहरीर पर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
थानाध्यक्ष अभय सिंह का कहना है कि मौत की असल वजह पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद स्पष्ट होगी। फिलहाल पुलिस जांच में जुटी है, और घर के कोने-कोने में अब भी ममता की अधूरी सांसें और बच्चों की डरी आंखें गवाही दे रही हैं कि गरीबी और कर्ज कभी-कभी जानलेवा भी हो सकते हैं।