बार एसोसिएशन मनकापुर द्वारा भगवान परशुराम जयंती पर आयोजित भव्य कार्यक्रम में अधिवक्ताओं ने सामाजिक समरसता और न्याय के प्रतीक को किया नमन, पढ़िए पूरी खबर।
मनकापुर तहसील में गूंजा "जय परशुराम" का जयघोष, न्याय के रथ पर सवार होकर पहुंचे वकीलों ने मनाया भगवान परशुराम का जन्मोत्सव
कृष्ण मोहन
गोंडा:जहां एक ओर अदालतों में बहस गर्म थी, वहीं मनकापुर तहसील सभागार में न्याय के प्रतीक भगवान परशुराम की जयंती श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाई गई। बार एसोसिएशन मनकापुर द्वारा आयोजित इस गरिमामयी कार्यक्रम ने अधिवक्ताओं के बीच नई ऊर्जा का संचार कर दिया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता बार एसोसिएशन अध्यक्ष भानुप्रताप मिश्र ने की, जबकि शुभारंभ उपजिलाधिकारी अवनीश कुमार तिवारी ने भगवान परशुराम के चित्र पर माल्यार्पण कर किया। यह दृश्य मानो सत्य और धर्म की विजय का प्रतीक बन गया हो।
कार्यक्रम संचालन की कमान संभाली वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम लाल शुक्ल ने और मंच से एक-एक करके वक्ता उठे, जिन्होंने भगवान परशुराम के जीवन दर्शन पर प्रकाश डाला। पी एस पांडेय, एसपी सिंह, विंदु कुमार उपाध्याय, विजय कुमार मिश्र, सीपी वर्मा और श्रवण कुमार शुक्ला जैसे अनुभवी अधिवक्ताओं ने बताया कि परशुराम केवल परशुधारी योद्धा ही नहीं थे, वे सामाजिक समरसता और अन्याय के खिलाफ खड़े होने की प्रेरणा हैं।
कार्यक्रम में संघ के महामंत्री लालचंद शुक्ल ने भावुक होकर कहा, “भगवान परशुराम आज भी अमर हैं, यदि सच्चे मन से उन्हें पुकारा जाए तो वे संकट में साथ खड़े मिलते हैं।”
युवा अधिवक्ताओं ने भी मंच से अपने विचार रखे, मानो जैसे परशुराम की वाणी आज के न्याय मंदिर में फिर से गूंज रही हो।
कार्यक्रम के अंत में अध्यक्ष भानुप्रताप मिश्र ने सभी का आभार जताते हुए कहा कि “जब न्याय के रक्षक ही न्याय के प्रतीक को सम्मान दें, तब समाज में नया विश्वास जन्म लेता है।”
इस प्रेरणादायक आयोजन में अधिवक्ता अम्बुज तिवारी, विनय तिवारी, मनोज तिवारी, अतुल कुमार शुक्ला, श्याम नारायण, रामबाबू और रवि यादव की सक्रिय भूमिका रही, जिन्होंने आयोजन को सफल बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।