नवाबगंज गोंडा में श्रीकृष्ण और रुखमणि के प्रेम विवाह की संगीतमय कथा का भावपूर्ण आयोजन हुआ। कथावाचक धर्मदास जी महाराज ने प्रेम, भक्ति और समर्पण की गहराइयों से श्रोताओं को परिचित कराया।
नवाबगंज में गूंजी रुखमणि-कृष्ण प्रेम की गाथा, कथा सुन भावविभोर हुए श्रद्धालु
पंश्याम त्रिपाठी/बनारसी मौर्या
नवाबगंज (गोंडा)।श्रीकृष्ण और रुखमणि के अटूट प्रेम विवाह की संगीतमय कथा ने नवाबगंज में श्रद्धा की ऐसी बयार बहाई कि हर श्रोता भक्ति के भाव में डूबता चला गया। धर्मध्वनि की गूंज और कथावाचक धर्मदास जी महाराज की मधुर वाणी में जब रुखमणि के प्रेम पत्र से लेकर श्रीकृष्ण द्वारा उनका हरण और फिर विवाह का वर्णन हुआ, तो पूरा वातावरण वृंदावन और द्वारका की भक्ति-गाथा में बदल गया।
प्रेम की परिभाषा है रुखमणि-कृष्ण विवाह
कथा के दौरान धर्मदास जी ने कहा कि "श्रीकृष्ण और रुखमणि का विवाह केवल एक प्रेम प्रसंग नहीं, बल्कि विश्वास, त्याग और समर्पण का जीवंत उदाहरण है। यह कथा हमें सिखाती है कि सच्चा प्रेम आत्मा से होता है, रूप या परिस्थिति से नहीं।"
उन्होंने आगे कहा कि श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण करना भवसागर से पार होने का सरल मार्ग है। यह कथा जीवन को दिशा देती है, भक्ति को गहराई और प्रेम को शुद्धता देती है।
आरती में उमड़ा भक्तों का सैलाब
इस अवसर पर डीएवी इंटर कॉलेज के रिटायर्ड शिक्षक जयराम यादव ने अपनी धर्मपत्नी संग आरती दर्शन कर आशीर्वाद लिया। श्रद्धालु भाव-विभोर होकर कथा में झूमते नजर आए।
श्रद्धा से सराबोर रहा आयोजन स्थल
कार्यक्रम में दुर्गेश यादव, सौरभ कुमार, बृजेश यादव, ठाकुर प्रसाद, मंगली सिंह, अनिल जायसवाल, श्रीनारायण सिंह, रामहेत, साधना मिश्रा, किरण यादव समेत सैकड़ों श्रद्धालु उपस्थित रहे, जिनकी आंखों में भक्ति और दिलों में श्रीकृष्ण बस चुके थे।
"जहां प्रेम है, वहां श्रीकृष्ण हैं... और जहां श्रीकृष्ण हैं, वहां जीवन सफल है।"