प्रतापगढ़ के पल्टन बाजार में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के पांचवें दिन पूतना वध, माखन चोरी और गोवर्धन लीला जैसे प्रसंगों ने श्रोताओं को श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप से जोड़ दिया।
प्रतापगढ़ में श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं ने मोह लिया मन, भागवत कथा में भक्ति की गूंज
एसके शुक्ला
प्रतापगढ़ (पल्टन बाजार)।पल्टन बाजार में गूंजती मुरली की धुन और मंत्रमुग्ध करती भक्ति की लहरों के बीच चल रही संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा के पांचवें दिन भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं ने श्रोताओं के हृदय को छू लिया। कथा व्यास देवी महेश्वरी श्री के मधुर स्वर और भावपूर्ण वाणी में जब पूतना वध से लेकर गोवर्धन धारण तक की लीलाएं प्रस्तुत हुईं, तो पंडाल में जैसे स्वयं वृंदावन उतर आया।
"माखन चुराने वाला नटखट, हर दिल को भा गया"
कथा व्यास ने बड़े ही सरल, मधुर और भावनात्मक अंदाज़ में पूतना वध, कालिया नाग दमन, गोपियों संग माखन चोरी, और मां यशोदा के साथ नटखट शरारतों का वर्णन किया। हर प्रसंग ऐसा लगा मानो सामने घट रहा हो — श्रोताओं की आंखें बंद थीं लेकिन दिलों में नन्हा श्याम झूल रहा था।
रासलीला के भावों में बह उठा पूरा पंडाल
जैसे ही रासलीला का वर्णन शुरू हुआ, भजन की स्वर-लहरियों के साथ श्रोता झूम उठे। महिलाओं ने थिरकते हुए भावभरे नेत्रों से राधे-श्याम का स्मरण किया। कृष्ण के प्रेम, भक्ति और कर्म की गहराई को देवी महेश्वरी ने इस तरह शब्दों में ढाला कि हर कोई वैराग्य और आत्मिक शांति की ओर खिंचता चला गया।
भक्ति में रंगे यजमान और श्रद्धालु
इस दिव्य अवसर पर मुख्य यजमान ओम प्रकाश मिश्रा और श्रीमती विमला मिश्रा सहित संजय मिश्र, प्रिया मिश्रा, डॉ. श्रद्धा सिंह, दिनेश प्रताप सिंह 'दिन्नू', संजीव आहूजा, रवि खंडेलवाल, अर्पित, रुचि केसरवानी समेत अनेक श्रद्धालु भक्ति रस में डूबे नज़र आए।
"श्रीमद्भागवत केवल कथा नहीं, आत्मा को हरि से जोड़ने का माध्यम है,"देवी महेश्वरी श्री के इन शब्दों ने जैसे हर मन को छू लिया।