सेमरिया में हनुमानगढ़ी पर भक्तों का लगा तांता
कमलेश
खमरिया-खीरी:ज्येष्ठ महीने के पहले बड़े मंगलवार को ईसानगर व खमरिया क्षेत्र भगवान हनुमान जी की भक्ति से डूबा हुआ, जिसमें ईसानगर के सेमरिया में स्थित हनुमान गढ़ी पर अलसुबह से ही भक्तों का तांता लगा हुआ है । इस दौरान चारों ओर करीब 30 किलोमीटर तक पूरा माहौल हनुमान भक्ति से सराबोर है। भक्तों की सुविधा के लिए लोगों ने जगह जगह जलपान की भी व्यवस्था की गई है।
ज्येष्ठ माह के प्रथम मंगलवार को खमरिया, ईसानगर, कटौली समेत अन्य क्षेत्रों से सेमरिया में स्थित हनुमान गढ़ी मंदिर में भक्तों ने अलसुबह से ही रामायण के साथ साथ हनुमान चालीसा का पाठ कर पूजा अर्चना शुरू कर दी है। इसके अलावा अधिकांश गावों से हजारों की संख्या में लोग सेमरिया में स्थित हनुमान गढ़ी पहुचकर भगवान के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त कर रहे। वही भक्तों की भीड़ देख ईसानगर थानाध्यक्ष देवेंद्र कुमार गंगवार की अगुवाई में मंदिर परिसर के साथ साथ आने जाने वाले रास्तों पर पुलिस के जवान मुस्तैद रहे।
851 साल पहले सेमरिया में हुई थी हनुमान जी की प्राण प्रतिष्ठा
सेमरिया में स्थित हनुमान गढ़ी के बारे में बताया जाता है कि 1230 ईस्वी में मल्लापुर राजघराने के राजा गंगा प्रताप सिंह के पूर्वजों ने इस मन्दिर की स्थापना कराई थी। माघ महीने के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को स्थापना के बाद से अब तक यहां 14 महंत हो चुके हैं। मौजूदा समय में यहां की बागडोर महंत रामदुलारे अवस्थी के पुत्र केशवराम व वेदप्रकाश के हांथों में है। इस दौरान पंडित नीरज अवस्थी ने बताया कि पड़ोस के गांव शेखपुर के बढ़ई मक्का के हांथों की निर्मित एक रेहल आज भी गद्दी पर है। जिस पर स्थापना की तिथि व मक्का बढ़ई का नाम भी अंकित है व मन्दिर के संग्रहालय में महंतों के पदचिह्न आज भी सुरक्षित हैं। इसके अलावा मंदिर में स्थापित हनुमान जी की आदमकद पाषाण प्रतिमा के बाईं ओर स्थापित एक अन्य हनुमान प्रतिमा के कन्धों पर राम लक्ष्मण विराजमान हैं। वहीं दूसरी ओर दाईं तरफ शिव जी की दुर्लभ प्रतिमा है। जिनकी पालथी पर पार्वती जी व गणेश जी विराजमान हैं। वही पंडित केशव राम अवस्थी ने बताया कि सेमरिया हनुमान गढ़ी में साल में तीन बार दीपावली,रामनवमी और अक्षय नवमी को मेला लगता है। यहां प्रत्येक शनिवार को साप्ताहिक सत्संग का भी आयोजन किया जाता है। इस सिद्ध हनुमान गढ़ी में बजरंग बली के दर्शन के लिए अन्य प्रांतों से भी लोग हर मंगलवार को आते हैं।