गोंडा: मानव सम्पदा के अभाव से मनकापुर तहसील का कामकाज ठप, अधिकारी प्राइवेट लोगों से काम कराने को बाध्य। सालों से कई पटलों पर कर्मचारियों की संख्या दिनों-दिन घटती जा रही है, सेवानिवृत्त कर्मचारियों के स्थान पर नई नियुक्ति नहीं की जाती है उपजिलाधिकारी मनकापुर के कार्यालय में सालों से आशुलिपिक नहीं है इनका कामकाज न्यायालय लिपिक रामजन्म सम्भाल रहे हैं , फौजदारी अहलमद का काम संग्रह कर्मी देख रहे हैं प्रतिलिपिक के पद पर कोई कर्मचारी नहीं है राजस्व अभिलेखागार महीनों नहीं खुलता वजह कर्मचारी नहीं है पूर्ति निरीक्षक कार्यालय में कोई लिपिक नहीं है प्राइवेट लोगों को रखकर काम लिया जाता है जहां राशनकार्ड में नाम काटने जोड़ने का खेल कर केंद्र सरकार की अन्न योजना की खरीद फरोख्त कर गरीबों का आर्थिक शोषण किया जाता है तहसील के अन्य पटलों तहसीलदार न्यायालय, तहसीलदार न्यायिक,उप जिलाधिकारी न्यायिक मनकापुर के पटलों पर एक एक लिपिक नियुक्त हैं जबकि पांच पांच लोगों को प्राइवेट रखकर काम कराया जाता है उप जिलाधिकारी मनकापुर के न्यायालय का आदेश सालों से प्राइवेट व्यक्ति के सहारे चल रहा है प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री उ प्र योगी आदित्यनाथ नाथ का शासनादेश आया है कि किसी सरकारी कार्यालय में प्राइवेट लोगों से काम लिया गया तो उस अधिकारी की खैर नहीं ।
आखिर इस पत्र का माखौल उड़ाया जा रहा है तो उड़ना ही है, प्रदेश भर के प्रशासन व शासन से जुड़े महत्वपूर्ण राजस्व विभाग में इस सरकार ने कब से भर्तियां नहीं की गई , क्या जिलों से खाली पदों का विवरण मांगा गया नहीं रोज मीटिंग, पटलवार कार्यों की समीक्षा बैठकों में इसकी समीक्षा क्यों नहीं की जाती कि कर्मचारियों का अभाव है मानव संसाधनों के अभाव में प्राइवेट लोगों को रखकर किसी तरह काम चलाया जा सकता है लेकिन कार्य की निष्पक्षता गुणवत्ता व भ्रष्टाचार को इससे बढ़ावा मिल रहा है परिणामस्वरूप तहसीलों में अधिवक्ताओं एवं अधिकारियों में आये दिन टकराव भी होता रहता है आखिर ये सरकार कब तक लोकतांत्रिक व्यवस्था में अराजकता करती रहेगी ।
अधिवक्ता एसएल शुक्ला की रिपोर्ट