गोंडा जिले के तरबगंज थाना क्षेत्र में शुक्रवार को जमीनी विवाद खूनी संघर्ष में बदल गया। दो पक्षों के बीच बढ़ते विवाद के बीच पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन ठोस कार्रवाई करने के बजाय लौट गई। नतीजा यह हुआ कि पुलिस के जाते ही मामला और बिगड़ गया और हथगोले तक चलने लगे। इस घटना में छत पर बैठे एक वृद्ध व्यक्ति की दर्दनाक मौत हो गई।
पुलिस की लापरवाही:शीशव गांव में दो भाइयों, श्रीचंद और भगवती, के बीच आबादी की जमीन पर दीवार बनाने को लेकर विवाद शुरू हुआ। मामला गर्माता देख एक पक्ष ने डायल 112 पर कॉल कर पुलिस और राजस्व टीम को बुलाया। पुलिस मौके पर पहुंची, विवाद की जानकारी भी ली, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई किए बिना वहां से चली गई।
पुलिस के हटते बवाल:पुलिस के हटते ही माहौल और बिगड़ गया। दोनों पक्षों में जमकर झगड़ा हुआ, जो देखते ही देखते हिंसक संघर्ष में बदल गया। इसी दौरान हथगोले फेंके गए, जिसकी चपेट में आकर गांव के ही 60 वर्षीय रमाशंकर मिश्रा गंभीर रूप से घायल हो गए। वह अपनी छत पर बैठकर पूरी घटना देख रहे थे, लेकिन अचानक हुए धमाके में उनके सिर पर गहरी चोट लगी।
रास्ते में तोड़ा दम:परिजनों ने रमाशंकर को तुरंत अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इस घटना से पूरे गांव में दहशत फैल गई। गुस्साए ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद मौके पर पहुंचकर पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
अब जांच में जुटी पुलिस:घटना के बाद मामले को लेकर अपर पुलिस अधीक्षक पश्चिमी राधेश्याम राय ने बताया कि तरबगंज के शीसो गांव में जमीनी विवाद को लेकर दो पक्षों में शुक्रवार की दोपहर करीब 1:00 बजे सुतली बम चल गया, इसके बाद पड़ोस के रमाशंकर मिश्र पुत्र पारसनाथ उम्र करीब 60 वर्ष की झगड़े के दौरान लगने से मौत हो गई। और मामले में पुलिस ने जांच पड़ताल करते हुए शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। तथा सुसंगत धाराओं में मुकदमा पंजीकृत करते हुए आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की चार टीमें लगाई गई है। लेकिन बड़ा सवाल यह उठता है कि मौके पर पहुंची पुलिस ने सख्ती क्यों नहीं दिखाई? अगर सख्ती से कार्रवाई करने के साथ मामले के निस्तारण का प्रयास करती तो शायद रमाशंकर की जान बच सकती थी!