रसीद मांगने पर भड़का कथित जेई, जेल भिजवाने की दे रहा धमकी
आरोप प्रत्यारोप के बीच खुल रहीं विद्युत विभाग के भ्रष्टाचार की परतें
मारपीट और घर से भगाने को लेकर कथित जेई ने लगाया आरोप
नागेंद्र प्रताप शुक्ला
लखीमपुर-खीरी।थाना कोतवाली सदर के डॉन वास्को स्कूल के सामने पीड़ित राहुल वर्मा पुत्र स्व0 रामलोटन ने मुख्यमंत्री को दिये गये प्रार्थना पत्र मे बताया कि पीड़ित का बिजली का कनेक्शन उनकी माता संतोष कुमारी के नाम पर है।
जिसपर कुछ महीनों का बिजली बिल बाकी था, बिजली विभाग में तैनात सविंदा कर्मी विकास वर्मा अपने आप को विधुत विभाग का जेई बताकर विधुत बिल बकाया जमा करने हेतु प्रार्थी से पचास हज़ार रुपये पिछले वर्ष 12 फरवरी 2024 को यह आश्वासन देकर लिया था कि बिजली के बिल का पूर्ण निस्तारण करवा कर जमा रसीद आपको दो या तीन दिन मे दे देंगे, लेकिन काफी समय बीत जाने के बाद भी उपरोक्त कथित जेई ने बिल की जमा रसीद नही दी गयी। कथित जेई विकास वर्मा 21 मार्च 2025 दिन शुक्रवार को दोपहर 01:00 बजे प्रार्थी राहुल के घर आया और कहने लगा कि आपका पुराना बिल जमा नही हो पाया है तीस हजार रुपये और दीजिये तब तुम्हारे बकाया बिल का निस्तारण हो पायेगा जब प्राथी ने पिछले रुपयों के जमा बिल की रसीद मांगी तो कथित जेई ने रसीद देने से मना कर दिया और घर के बाहर खड़े होकर प्रार्थी राहुल को गाली गलौज के साथ मुकदमा लिखवाने के साथ ही जेल भिजवाने की धमकियां देने लगा जिससे प्रार्थी को बहुत शर्मिंदगी झेलनी पड़ी। प्रार्थी ने मुख्यमंत्री को लिखित प्रार्थनापत्र देकर न्याय की गुहार लगाई है। वही कथित जेई विकास वर्मा ने आरोप लगाते हुए बताया कि जब वह प्रार्थी राहुल वर्मा के घर बकाया बिल वसूली के लिए गए थे तो वह मारपीट करने लगा जिससे जेई अमरदीप मौर्या ने बीच-बचाव किया, जेई अमरदीप मौर्य ने बताया कि पुलिस को लिखित शिकायत कर कार्यवाही कराई जायेगी। फिलहाल विद्युत विभाग के संविदा कर्मियों द्वारा अवैध उगाही की इस तरह की घटनाएं दिन-व-दिन ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में सामने आती हैं, जो कहीं ना कहीं विद्युत उपभोक्ताओं के लिए परेशानी का कारण होती हैं तो वही विद्युत विभाग को भी कटघरे में खड़ा करती हैं। पीड़ित राहुल ने आरोपी विद्युत कर्मी विकास वर्मा के कार्यक्षेत्र के समस्त विद्युत संयोजनों की पीडी, नए कनेक्शन एवं बड़े बकायादारों के संदर्भ में आरोप लगाते हुए कहा कि उनके द्वारा बड़े बकाये दारों के कनेक्शन गायब करते हुये उसके स्थान पर नये विधुत संयोजन दिलवाकर बकाया विधुत धनराशि का गबन करते हुये विभाग एवं शासन को करोड़ों रुपयों की आर्थिक क्षति पहुंचाये जाने की निष्पक्ष जाँच की माँग की है।
जब मीडियाकर्मियों ने इस मामले में विधुत विभाग के जिम्मेदारों से सम्पर्क किया, तो उन्होंने गोलमाल जवाब देते हुए उन्होंने जांच का हवाला देते हुए कोई भी बयान देने से इंकार कर दिया यह बिजली बिजली विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार की पोल खोलती है जहां आम उपभोक्ताओं को अवैध वसूली का शिकार बनाया जाता है।