गोंडा के कंपोजिट विद्यालय मुजेड में वार्षिकोत्सव के अवसर पर चार सेवानिवृत्त शिक्षकों को सम्मानित किया गया। छात्रों की सांस्कृतिक प्रस्तुतियों और शिक्षकों के सम्मान ने भावुक माहौल बना दिया।
सेवानिवृत्त गुरुओं को मिला गौरव, छात्रों ने रंगारंग प्रस्तुतियों से किया भावभीना सम्मान
पंश्याम त्रिपाठी/बनारसी मौर्या
गोंडा: शिक्षा केवल किताबों तक सीमित नहीं होती यह संस्कारों, सम्मान और संवेदनाओं का संगम है। इसी भावना को जीवंत कर दिया बेलसर के कंपोजिट विद्यालय मुजेड ने, जहां सोमवार को विद्यालय का भव्य वार्षिकोत्सव सेवानिवृत्त शिक्षकों के सम्मान के साथ मनाया गया। समारोह ने न केवल शिक्षकों को सम्मानित किया, बल्कि शिक्षा की गरिमा को भी एक नई ऊंचाई दी।
सरस्वती वंदना से आरंभ, संस्कृति से सजी संध्या
कार्यक्रम की शुरुआत माँ सरस्वती की वंदना और दीप प्रज्वलन के साथ हुई। मुख्य अतिथि विधायक प्रतिनिधि विनोद कुमार पाण्डेय, विशिष्ट अतिथि विधान परिषद सदस्य अवधेश कुमार सिंह, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अतुल कुमार तिवारी और अन्य गणमान्य अतिथियों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर समारोह का शुभारंभ किया।
छात्रों की प्रस्तुतियों ने छू लिए दिल
विद्यालय के छात्रों द्वारा प्रस्तुत रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। समाज, शिक्षा और संस्कृति पर आधारित इन कार्यक्रमों में बच्चों ने अपनी प्रतिभा का अद्भुत प्रदर्शन किया।
सम्मान का क्षण: सेवानिवृत्त शिक्षक हुए भावविभोर
इस अवसर पर सेवानिवृत्त शिक्षक दुर्गा प्रसाद पांडेय, अकबाल बहादुर सिंह, मालती सिंह और रेनू सोनी को प्रतीक चिन्ह, गीता और अंगवस्त्र भेंट कर सम्मानित किया गया। यह दृश्य भावनाओं से भरा रहा, जहां अनुभव और योगदान को सच्ची श्रद्धांजलि दी गई।
मंच संचालन और आयोजन रहा सराहनीय
कार्यक्रम का प्रभावशाली संचालन नरेंद्र सिंह (जिला कोषाध्यक्ष, पूर्व माध्यमिक शिक्षक संघ) ने किया। वहीं आयोजन को सफल बनाने में शिक्षकों व स्थानीय प्रतिनिधियों में रामदीन, विनय कुमार, वीना सिंह, सुखराज जी आदि का विशेष योगदान रहा।
शिक्षक संगठनों की गरिमामयी उपस्थिति
कार्यक्रम में विभिन्न शिक्षक संगठनों के पदाधिकारी अजीत सिंह, विनय तिवारी, सुरेश कुमार सिंह, अशोक कुमार पाण्डेय, रवि प्रकाश सिंह आदि भारी संख्या में मौजूद रहे। इनके साथ क्षेत्रीय नागरिकों व अभिभावकों की भी प्रभावशाली उपस्थिति रही।
सम्मान, प्रेरणा और आशीर्वाद का समागम
अतिथियों ने अपने उद्बोधन में सेवानिवृत्त शिक्षकों के योगदान को अमूल्य बताया और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। उन्होंने छात्रों को प्रेरणा दी कि शिक्षा का लक्ष्य केवल परीक्षा पास करना नहीं, बल्कि एक अच्छा इंसान बनना है।