लखीमपुर खीरी में डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल ने एम्बुलेंस चालक से फीता कटवाकर 72 नई एम्बुलेंस सेवा की शुरुआत की। जानें इस बदलाव से कैसे बदलेगी जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था।
जब डीएम ने कहा- "फीता कोई अफसर नहीं, रक्षक काटेगा!" | लखीमपुर खीरी में 72 नई एम्बुलेंस सेवा की संवेदनशील शुरुआत
नागेंद्र प्रताप शुक्ला
लखीमपुर खीरी: इतिहास गवाह है कि जब नेतृत्व में संवेदनशीलता होती है, तो फैसले दिल जीत लेते हैं। कुछ ऐसा ही दृश्य उस वक्त देखने को मिला, जब लखीमपुर खीरी की जिलाधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल ने नई एम्बुलेंस सेवा की शुरुआत कुछ अलग और अनोखे अंदाज़ में की।
इस बार न कोई बड़ा नेता, न कोई वीआईपी... बल्कि एक साधारण से एम्बुलेंस ड्राइवर रामचंद्र को मंच पर बुलाया गया और कहा गया – "आज फीता वही काटेगा, जो असली जिंदगी बचाता है।"
यह क्षण सिर्फ एक उद्घाटन नहीं था, यह सम्मान था उस मेहनतकश इंसान का, जो हर दिन बिना किसी प्रचार के लोगों की जान बचाने निकलता है।
72 नई एम्बुलेंसों का हरी झंडी के साथ शुभारंभ
डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल, एसपी संकल्प शर्मा, सीडीओ अभिषेक कुमार और सीएमओ डॉ. संतोष गुप्ता ने संयुक्त रूप से हरी झंडी दिखाकर 102 और 108 एम्बुलेंस सेवा की 72 नई गाड़ियों को जिले के हर कोने में रवाना किया।
इनमें 102 सेवा की 43 एम्बुलेंस सामान्य चिकित्सा और मातृत्व सेवाओं के लिए हैं, जबकि 108 सेवा की 29 एम्बुलेंसें दुर्घटनाओं और आपातकालीन परिस्थितियों में लोगों की जान बचाने के लिए तैयार की गई हैं।
डीएम ने कहा: ये मशीन नहीं, जीवनदूत हैं
डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल ने कहा, "हमारा लक्ष्य है कि जिले के हर नागरिक को समय पर चिकित्सा सुविधा मिले। इन आधुनिक एम्बुलेंसों से अब कोई भी मदद से वंचित नहीं रहेगा। ये वाहन सिर्फ लोहे की मशीनें नहीं हैं, ये जिंदगी की उम्मीद हैं।"
एसपी बोले:एक-एक सेकंड होगा कीमती
एसपी संकल्प शर्मा ने कहा, "आपात स्थिति में समय ही जीवन और मृत्यु के बीच की रेखा होता है। ये नई एम्बुलेंसें दुर्घटना और आपदा के समय जिंदगी का सबसे भरोसेमंद सहारा बनेंगी।"
सीडीओ का विश्वास: गांव-गांव पहुंचेगी सेवा
सीडीओ अभिषेक कुमार ने कहा कि ये नई एम्बुलेंसें जिले के सुदूर गांवों तक तेज़ और भरोसेमंद इलाज पहुंचाने में क्रांतिकारी साबित होंगी।
सीएमओ ने बताया:ये एम्बुलेंस क्यों हैं खास
सीएमओ डॉ. संतोष गुप्ता ने बताया कि सभी एम्बुलेंस जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम, ऑक्सीजन सिलिंडर, प्राथमिक चिकित्सा किट और प्रशिक्षित पैरामेडिकल स्टाफ से लैस हैं। इससे न केवल मरीजों को तत्काल इलाज मिलेगा, बल्कि सेवा की मॉनिटरिंग भी रियल टाइम में हो सकेगी।