गोंडा के फरेहना क्षेत्र में खनन अधिकारी और पुलिस की संयुक्त छापेमारी में दो वाहन पकड़े गए, दो चालक गिरफ्तार। जिलाधिकारी की 'जीरो टॉलरेंस' नीति के तहत एक सप्ताह में पांचवीं कार्रवाई।
कृष्ण मोहन
गोंडा जिले की मिट्टी अब सिर्फ खेतों तक सीमित नहीं रही, बल्कि यह अब अपराधियों के लिए 'काला सोना' बन गई है। लेकिन प्रशासन ने इस 'गुपचुप धंधे' की मिट्टी पलीद करने की ठान ली है। जिलाधिकारी नेहा शर्मा के सख्त निर्देशों के बाद, मंगलवार की रात खनन विभाग और पुलिस की संयुक्त टीम ने ऐसा छापा मारा कि खनन माफियाओं की सांसें अटक गईं।
रात के अंधेरे में दबिश, बालू-बदमाश धराए
फरेहना (गिन्नी नगर के पास), जो अब तक अवैध मिट्टी खनन का अड्डा बनता जा रहा था, वहां मंगलवार की आधी रात कुछ और ही लिखा था। खनन अधिकारी डॉ. अभय रंजन ने पुलिस बल के साथ लगभग 12:30 बजे छापा मारा और मौके पर दो वाहन एक ट्रैक्टर-ट्राली और एक लोडर मिट्टी से लदे रंगे हाथ पकड़े गए। साथ ही दो चालक, हकीमुल्लाह और दिलीप कुमार, को भी मौके से धर दबोचा गया।
कार्रवाई नहीं, प्रशासन की "क्लीन स्वीप"
डॉ. अभय रंजन ने बताया कि जब्त वाहनों को विधिक प्रक्रिया के तहत थाने में जमा करा दिया गया है और दोनों चालकों के खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है। यह सिर्फ एक औपचारिक कार्रवाई नहीं, बल्कि माफियाओं के खिलाफ प्रशासन का सीधा संदेश है "अब नहीं चलेगा खेल।"
पांचवीं कार्रवाई, माफिया बेहाल
सिर्फ बीते सात दिनों में यह प्रशासन की पांचवीं बड़ी कार्रवाई है, जिससे साफ है कि जिलाधिकारी की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति अब केवल फाइलों तक सीमित नहीं, बल्कि ज़मीन पर दिख रही है। जनपद में खनन माफिया अब हर आने-जाने वाले वाहन की आवाज़ से चौकन्ने हैं।
खनन विभाग की निगरानी 24x7
प्रशासन की निगाह अब हर उस जेसीबी, ट्रैक्टर और लोडर पर है जो रात की चुप्पी में धरती को खुरचने की हिम्मत करता है। अफसरों की माने तो यह अभियान यहीं नहीं रुकेगा, जिनकी खुराफातें खनन में हैं, उनकी खबर प्रशासन को पल-पल है।