लखीमपुर खीरी के ईसानगर में फर्जी प्रमाणपत्र से मिली आंगनबाड़ी नौकरी का पर्दाफाश, कोर्ट के आदेश पर सीडीपीओ और कार्यकत्री के खिलाफ मुकदमा दर्ज।
“एक झूठ के लिए रचा गया झूठ का मकड़जाल! फर्जी सर्टिफिकेट पर ली नौकरी, कोर्ट के आदेश पर दर्ज हुआ बड़ा मुकदमा”
कमलेश
खीरी/ईसानगर:कभी-कभी एक झूठ को बचाने के लिए इतने झूठ बोलने पड़ते हैं कि पूरा सच ही उजागर हो जाता है। ऐसा ही कुछ हुआ लखीमपुर खीरी के ईसानगर क्षेत्र के दिलावलपुर गांव में, जहां एक आंगनबाड़ी कार्यकत्री ने फर्जी प्रमाणपत्र लगाकर नौकरी तो पा ली, लेकिन अब जब अदालत ने पर्दा उठाया, तो विभाग से लेकर गांव तक हड़कंप मच गया।
2007 से चल रहा था फर्जीवाड़ा, 2025 में खुला सच का पिटारा!
पूरे मामले की शुरुआत 2007 में हुई थी, जब पूनम देवी नाम की महिला ने हाईस्कूल का फर्जी अंकपत्र लगाकर आंगनबाड़ी कार्यकत्री के पद पर नौकरी पा ली। सालों तक सब कुछ ठीक चलता रहा, लेकिन कहते हैं न , सच कभी छुपता नहीं।
सूचना के अधिकार (RTI) कार्यकर्ता श्याम किशोर मौर्य को जब इस भर्ती पर संदेह हुआ, तो उन्होंने दस्तावेजों की पड़ताल की और असली बोर्ड से जांच करवाई , नतीजा चौंकाने वाला था। हाईस्कूल का प्रमाणपत्र फर्जी निकला।
फर्जी प्रमाणपत्र से शुरू हुआ खेल, फिर कूटरचित आधार और नया निवास प्रमाणपत्र
जानकारी उजागर होने पर पूनम देवी ने गलती छुपाने के लिए एक और गलती की, इस बार उन्होंने नकली आधार कार्ड, बदला हुआ निवास पता और समैसा गांव का जाली निवास प्रमाणपत्र बनवा लिया। मकसद था अपनी पोस्ट को दिलावलपुर से समैसा ट्रांसफर करवा लेना, ताकि असली पहचान से दूरी बना ली जाए। लेकिन यहां भी किस्मत ने साथ नहीं दिया।
गांव के प्रधानों ने खोली पोल, विभाग ने की लीपापोती
दिलावलपुर और समैसा दोनों गांवों के प्रधानों ने इस धोखाधड़ी की शिकायत की। जब जांच शुरू हुई, तो जन्मतिथि से लेकर माता के नाम तक में अंतर सामने आने लगे। बावजूद इसके, बाल विकास पुष्टाहार विभाग ने कार्यकत्री को बचाने की कोशिश की, लेकिन RTI कार्यकर्ता ने हार नहीं मानी और कोर्ट की शरण ली।
कोर्ट ने दिया आदेश, सीडीपीओ और कार्यकत्री पर दर्ज हुआ मुकदमा
कोर्ट ने साक्ष्यों को देखते हुए सीधा आदेश दिया, फर्जीवाड़े में संलिप्त सीडीपीओ प्रियंका कुमारी और आंगनबाड़ी कार्यकत्री पूनम देवी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए। आदेश मिलते ही ईसानगर थाना प्रभारी देवेंद्र कुमार गंगवार ने धारा 420, 467, 468, 471 व 120B जैसी गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी।
अब कौन-कौन आएगा गिरफ्त में?
गांव से लेकर विभाग तक चर्चा है कि इस जालसाजी में सिर्फ एक महिला नहीं, बल्कि कई अधिकारी और जनप्रतिनिधि शामिल हो सकते हैं। अब देखना होगा कि जांच की आंच में और कौन-कौन झुलसेगा, और इस फर्जीवाड़े की आखिरी परत किस पर जाकर रुकेगी।