गोंडा के कल्यानपुर गांव में न्यायमूर्ति हृदेश श्रीवास्तव ने पक्षियों को पानी पिलाकर पर्यावरण संरक्षण की दी प्रेरणा। समाजसेवी चंदन वर्मा के कार्य को बताया मिसाल।
भीषण गर्मी में न्यायमूर्ति की भावुक पहल, बोले – इंसानियत सिर्फ इंसानों से नहीं, परिंदों से भी निभाइए
पंश्याम त्रिपाठी/बनारसी मौर्या
नवाबगंज, गोंडा।गांव कल्यानपुर आज उस वक्त गर्व से भर गया, जब मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति हृदेश श्रीवास्तव ने एक स्कूल के उद्घाटन के साथ ऐसी मिसाल पेश की, जिसने लोगों का दिल छू लिया। समारोह में शामिल होते ही उन्होंने पेड़ लगाकर पर्यावरण बचाने का संदेश दिया और फिर जो किया, उसने पूरे गांव को सोचने पर मजबूर कर दिया।
न्यायमूर्ति श्रीवास्तव की नजर जैसे ही परिंदों के लिए रखे गए पानी के पात्र पर पड़ी, वे खुद आगे बढ़े और उस बर्तन में अपने हाथों से पानी भर दिया। भीषण गर्मी में पक्षियों की प्यास बुझाने की यह तस्वीर सिर्फ एक पहल नहीं, बल्कि संवेदनशीलता और इंसानियत की जीती-जागती मिसाल बन गई।
यह अनोखी पहल समाजसेवी चंदन कुमार वर्मा की थी, जिन्होंने पक्षियों के लिए पानी की व्यवस्था कर रखी थी। न्यायमूर्ति ने उनके प्रयासों की सराहना करते हुए कहा, "पर्यावरण संरक्षण सिर्फ पोस्टर और भाषण से नहीं, ऐसे छोटे मगर बड़े कामों से होता है।"
कार्यक्रम की शुरुआत सम्मय माता मंदिर में भंडारे का प्रसाद ग्रहण करने से हुई, जहां न्यायमूर्ति ने ग्रामीणों से "कम से कम एक पेड़ अपने जीवन में जरूर लगाने की" भावुक अपील की।
इस मौके पर हिंदू सुरक्षा सेवा संघ के ब्लॉक अध्यक्ष अमरीश सिंह, संदीप श्रीवास्तव, और कई गणमान्य ग्रामीणों के साथ बड़ी संख्या में महिलाएं भी मौजूद रहीं।
जहां नेता चुनावी मौसम में दिखते हैं, वहीं न्यायमूर्ति श्रीवास्तव की यह मौजूदगी किसी चुनावी प्रचार से नहीं, बल्कि प्रकृति और परिंदों के लिए एक सच्ची चिंता से भरी थी।