गोंडा के परसपुर में जमीन की फर्जी बिक्री का मामला सामने आने के बाद DM नेहा शर्मा ने उच्चस्तरीय जांच समिति बनाई। जानिए किसे सौंपी गई जांच की जिम्मेदारी और कब तक आएगी रिपोर्ट।
"गोंडा में जमीन घोटाले की धमक! परसपुर में फर्जी बिक्री के आरोप, DM नेहा शर्मा ने बिठाई उच्चस्तरीय जांच"
कृष्ण मोहन
गोंडा | 19 अप्रैल 2025:गोंडा जिले के परसपुर नगर पंचायत में ज़मीन से जुड़े एक बड़े फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है, जिसने प्रशासन से लेकर आम जनता तक को चौंका दिया है। जिलाधिकारी श्रीमती नेहा शर्मा ने इस गंभीर प्रकरण का संज्ञान लेते हुए तत्काल उच्चस्तरीय जांच समिति का गठन कर दिया है।
क्या है पूरा मामला?
परसपुर के गाटा संख्या 559 और 743 से जुड़ी ज़मीन पर फर्जी तरीके से इकरारनामा बनाकर कथित रूप से अवैध विक्रय किया गया है। शिकायतकर्ताओं — अनिल कुमार, मुस्तफा और इब्राहीम — ने आरोप लगाया है कि कुछ विपक्षी लोग मिलकर न सिर्फ इस ज़मीन को फर्जी दस्तावेज़ों के ज़रिए बेच रहे हैं, बल्कि विद्यालय, कब्रिस्तान और अन्य लोगों की निजी ज़मीनों पर भी अवैध कब्जा कर चुके हैं।
शिकायत में यह भी जिक्र है कि इस साजिश में बाहरी जिलों के लोगों की भी संलिप्तता सामने आ रही है। सोशल मीडिया और जन चर्चा में यह मामला पहले से गरमाया हुआ था, लेकिन अब इसकी आधिकारिक जांच शुरू हो चुकी है।
किन्हें सौंपी गई है जांच की जिम्मेदारी?
जिलाधिकारी ने इस गम्भीर मामले की निष्पक्ष जांच के लिए चार वरिष्ठ अधिकारियों की टीम गठित की है:
1. अपर जिलाधिकारी, गोंडा – समिति अध्यक्ष
2. उप जिलाधिकारी, करनैलगंज – सदस्य
3. सहायक महानिरीक्षक निबंधन, गोंडा – सदस्य
4. बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी, गोंडा – सदस्य
इस समिति को निर्देश दिया गया है कि वे 22 अप्रैल 2025 तक जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपें।
DM ने जताई सख्ती, दोषियों को नहीं मिलेगी राहत
जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि जनहित से जुड़ी जमीनों पर कोई भी कूटरचना या फर्जीवाड़ा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। प्रशासन की प्राथमिकता है कि पीड़ितों को न्याय मिले और दोषियों पर कठोर कानूनी कार्रवाई की जाए।