नवाबगंज (गोण्डा) में सड़क दुर्घटना में घायल तुलसीपुर माझा गांव के पुरोहित मुरलीधर मिश्रा की इलाज के दौरान मौत हो गई। धार्मिक प्रवृत्ति के मुरलीधर को श्रद्धांजलि, पुलिस जांच में जुटी।
"कथा कहने वाले मुरलीधर अब खामोश हैं: सड़क हादसे में घायल पुरोहित ने तोड़ा दम"
पंश्याम त्रिपाठी/बनारसी मौर्या
गोण्डा, उत्तर प्रदेश।नवाबगंज क्षेत्र के तुलसीपुर माझा गांव में एक दुखद घटना ने पूरे इलाके को शोक में डुबो दिया। गांव में भागवत कथा सुनाने वाले पूज्य मुरलीधर मिश्रा अब इस दुनिया में नहीं रहे। एक दर्दनाक सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल होने के बाद, इलाज के दौरान शनिवार सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली।
58 वर्षीय मुरलीधर मिश्रा, जो तुलसीपुर माझा के पूरब पट्टी मजरे के निवासी थे, गांव-गांव जाकर कथा कहते थे। उनका जीवन धर्म और भक्ति को समर्पित था। शुक्रवार रात करीब 9 बजे वे किसी जरूरी कार्य से साइकिल पर सवार होकर चौखड़िया गांव की ओर जा रहे थे, तभी सामने से आ रहे एक अज्ञात वाहन ने जोरदार टक्कर मार दी।
धर्म की राह का सच्चा मुसाफिर, अंतिम सफर पर चला गया
हादसे के बाद सड़क पर लहूलुहान पड़े मुरलीधर को परिजन आनन-फानन में नवाबगंज सीएचसी लेकर पहुंचे। लेकिन हालत नाजुक देख डॉक्टरों ने उन्हें तुरंत अयोध्या मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। रातभर जिंदगी और मौत के बीच झूलते मुरलीधर ने शनिवार सुबह लगभग 6 बजे दम तोड़ दिया।
पुलिस जांच में जुटी, परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल
थानाध्यक्ष अभय सिंह ने जानकारी दी कि परिजनों की सूचना पर शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए गोंडा भेजा गया है। फिलहाल वाहन की पहचान नहीं हो सकी है, लेकिन पुलिस जांच कर रही है। मृतक अविवाहित थे और अपने बड़े भाई रामधर मिश्रा के परिवार के साथ रहते थे।
"जिसने दूसरों के जीवन को गीता और भागवत से रोशन किया, उसकी अंतिम यात्रा इतनी दर्दनाक होगी, किसी ने सोचा भी न था।"
गांव में हर आंख नम है। लोग मुरलीधर को एक शांत, संयमी और धार्मिक प्रवृत्ति के इंसान के रूप में याद कर रहे हैं। उनकी सादगी और कथाओं की मिठास अब सिर्फ यादों में रह गई है।