हापुड़ में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने निजी स्कूलों की मनमानी और महंगी फीस के खिलाफ डीएम को ज्ञापन सौंपा। पढ़िए पूरी खबर, कैसे गरीब बच्चों की पढ़ाई बन रही व्यापार!
'शिक्षा नहीं व्यापार चाहिए?' हापुड़ में निजी स्कूलों की लूट के खिलाफ कांग्रेस का गरजता विरोध, डीएम को सौंपा ज्ञापन
सुनील गिरि
हापुड़।क्या अब शिक्षा भी अमीरों की जागीर बनती जा रही है? महंगी फीस, स्कूल संचालकों की बताई दुकानों से जबरन किताबें और यूनिफॉर्म खरीदवाना, क्या ये पढ़ाई है या कोई सुनियोजित शोषण? इन्हीं सवालों के जवाब मांगते हुए शुक्रवार को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जिलाधिकारी कार्यालय का घेराव कर राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा।
कांग्रेस का आरोप: 'पढ़ाई के नाम पर हो रहा है खुलेआम व्यापार'
जिलाध्यक्ष राकेश त्यागी के नेतृत्व में दिल्ली रोड स्थित कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे कार्यकर्ताओं ने साफ शब्दों में कहा "निजी स्कूल छात्रों से मनमाने तरीके से मोटी फीस वसूल रहे हैं। उनके अभिभावकों पर दबाव बनाते हैं कि किताबें और यूनिफॉर्म सिर्फ उन्हीं दुकानों से खरीदें, जिन्हें स्कूल संचालक खुद तय करते हैं।"
त्यागी ने मांग की कि NCERT की किताबें स्कूलों में अनिवार्य की जाएं, ताकि सस्ती और गुणवत्तापूर्ण पढ़ाई सभी छात्रों को मिले। उन्होंने कहा, "महंगी किताबों और यूनिफॉर्म से गरीब व मध्यम वर्ग के अभिभावकों की कमर टूट जाती है।"
'शिक्षा के नाम पर गरीबों को दरकिनार करना चाहती है सरकार?'
शहर अध्यक्ष इरफान कुरैशी ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, “सरकार शिक्षा में अल्पसंख्यकों और SC वर्ग को पीछे धकेलने का षड्यंत्र रच रही है। शिक्षा का अधिकार सबका है, लेकिन निजी स्कूलों की लूट पर सरकार की चुप्पी बहुत कुछ कहती है।”
उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने निजी स्कूलों की इस मनमानी पर तत्काल रोक नहीं लगाई, तो कांग्रेस कार्यकर्ता सड़कों पर उतरकर बड़ा जन आंदोलन शुरू करेंगे।
'बच्चों का भविष्य बनाम स्कूलों की लूट'
कांग्रेस नेताओं का कहना है कि प्रदेश में ऐसे लाखों बच्चे हैं जो पढ़ाई में होशियार हैं, लेकिन महंगी फीस और पाठ्य सामग्री की वजह से उनके सपने अधूरे रह जाते हैं।
कांग्रेस ने मांग की है कि:
स्कूल फीस की सीमा तय की जाए।
NCERT की किताबों को अनिवार्य किया जाए।
यूनिफॉर्म पर दबाव बंद हो।
गरीब छात्रों को विशेष रियायतें दी जाएं।
ज्ञापन देने वालों में शामिल थे
पूर्व जिलाध्यक्ष मिथुन त्यागी, सैयद अयाजुद्दीन, अभिषेक गोयल, जलज तेवतिया, मानवी सिंह, डॉक्टर कौशर इकबाल, सीमा शर्मा, मोहम्मद खालिद, रघुवीर एडवोकेट, शौकीन चौधरी, यशपाल सिंह समेत दर्जनों कांग्रेस कार्यकर्ता।