खीरी के रमपुरवा गांव में एक गरीब किसान परिवार के घर चोरी, चोर लाखों के गहने और नकदी ले उड़े। बेटियों की मजदूरी और खेत की कमाई पर पड़ी नजर। पढ़ें पूरी कहानी।
सोता रहा परिवार, पीछे से घुसे चोर – बेटियों की मजदूरी से जोड़े रुपये और मां के गहने तक ले उड़े
नागेंद्र प्रताप शुक्ला
खीरी (बिजुआ)। गर्मी बढ़ी तो चोरी का कहर भी बढ़ता गया। बिजुआ क्षेत्र के रमपुरवा गांव में एक गरीब किसान परिवार के लिए वो रात किसी दुःस्वप्न से कम नहीं थी। घर के मर्द बाहर सोते रहे, मां और बेटियां अंदर गहरी नींद में थीं और इसी बीच चोरों ने पिछले रास्ते से घर में घुसकर बेटियों की मजदूरी की कमाई और मां के गहनों तक को बटोर लिया।
पलभर में टूट गई वर्षों की मेहनत की तिजोरी, किसान हीरा लाल की आंखों में अब सिर्फ बेबसी है।
“बेटियों ने मजदूरी कर जोड़े थे 7 हजार, मैंने गेहूं बेचकर जमा किए थे 80 हजार… सब चला गया”
तहसील गोला क्षेत्र के ग्राम पंचायत तिखड़ा के मजरा रमपुरवा निवासी हीरा लाल, किसानी और मजदूरी करके घर चलाते हैं। इस साल गेहूं बेचकर 80 हजार रुपये इकट्ठे किए थे ताकि खेत के ठेके की रकम चुका सकें। बेटियों ने भी खेतों में मजदूरी कर 7 हजार रुपये जोड़े थे।
लेकिन बीती रात जब पूरा परिवार सोया हुआ था, चोरों ने इस गरीब की हर पूंजी पर हाथ फेर दिया। नकदी के साथ-साथ तीन सोने की मालाएं, पायल, बिछिया सेट समेत लाखों का सामान ले उड़े।
चुपचाप पीछे की दीवार से घुसे चोर, सुबह दिखा बिखरा सपना
हीरा लाल के अनुसार परिवार में पांच लोग हैं। उनकी मां और दोनों बेटियां अंदर सो रही थीं, जबकि वे खुद और बेटा मुनेश बाहर आंगन में लेटे थे। चोर पिछली दीवार से घर में घुसे और दो कमरों के ताले चुपचाप तोड़ डाले।
सुबह जब आंख खुली और कमरे में गए, तो सारा सामान बिखरा पड़ा था। तिजोरी खाली थी और दिल भरा हुआ।
पुलिस ने बताया मामला संदिग्ध, पीड़ित किसान को नहीं मिल पा रही राहत
सूचना पर भीरा पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन जांच के बाद बयान दिया कि मामला संदिग्ध प्रतीत होता है, क्योंकि ऐसा नहीं लगता कि कोई आसानी से घर में घुस सकता है।
अब सवाल ये है कि अगर किसान के घर चोरी नहीं हुई, तो उसकी मेहनत की कमाई कहां गई? और अगर हुई है, तो कब मिलेगा इंसाफ?