लखीमपुर के रायपुर गांव में तेंदुए ने एक पालतू कुत्ते को उठा लिया, गांव में डर और सन्नाटा। वन विभाग से की गई सुरक्षा की मांग।
"झाड़ियों से निकला मौत का साया: तेंदुआ उठा ले गया पालतू कुत्ता, गांव में डर का सन्नाटा!"
नागेंद्र प्रताप शुक्ला
बिजुआ, लखीमपुर खीरी।खामोशी से झाड़ियों के पीछे छुपा था शिकारी... एक पल में हमला हुआ और सबकुछ खत्म! सोमवार की शाम को रायपुर गांव में कुछ ऐसा ही मंजर देखने को मिला, जब एक पालतू कुत्ता तेंदुए का निवाला बन गया। घटना के बाद से बैबहा और रायपुर गांवों में दहशत का माहौल है, जहां लोगों को अब अपने बच्चों और मवेशियों की सुरक्षा की चिंता सताने लगी है।
पल भर में उठा ले गया तेंदुआ, पीछे छूट गए डर और अवशेष
गांव के प्रताप का पालतू कुत्ता रोज की तरह उसके बेटे के साथ टहल रहा था। शाम की हल्की रोशनी में सब कुछ सामान्य लग रहा था, लेकिन झाड़ियों में छिपे शिकारी को शायद अपने शिकार का इंतजार था। अचानक एक तेज झपट्टा, एक चीख और फिर सन्नाटा... तेंदुआ कुत्ते को उठाकर जंगल की ओर भाग गया।
प्रत्यक्षदर्शियों ने पीछा करने की कोशिश की, लेकिन तेंदुआ आंखों से ओझल हो गया। कुछ दूरी पर कुत्ते के शरीर के हिस्से और एक सियाही (जंगली जानवर) के अवशेष मिले, जिससे अंदाजा लगाया गया कि तेंदुए ने शिकार को वहीं मारकर खा लिया।
गांव में नहीं पहली वारदात, बन चुका है तेंदुआ 'शिकारी मेहमान'
गांव वालों का कहना है कि ये तेंदुआ कोई नया नहीं है। इससे पहले भी गांव के कई मवेशियों को अपना शिकार बना चुका है। लेकिन अब जब वह गांव के अंदर तक आने लगा है और पालतू जानवरों को उठा रहा है, तो खतरा और गहराता जा रहा है।
वन विभाग से लगाई गुहार, कहीं अगला शिकार इंसान न हो जाए
प्रताप और गांव के अन्य लोगों ने वन विभाग से जल्द कार्रवाई की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर समय रहते तेंदुए को पकड़कर जंगल में नहीं छोड़ा गया, तो यह किसी दिन किसी ग्रामीण की जान भी ले सकता है। बच्चे अब अकेले बाहर नहीं निकल रहे, और रात में पूरे गांव में सन्नाटा पसरा रहता है।