गोंडा में मुख्य विकास अधिकारी ने विकास भवन के कार्यालयों का औचक निरीक्षण किया। कई विभागों में कर्मचारियों के नदारद रहने पर कड़ी चेतावनी दी गई।
विकास भवन में छापेमारी: खाली पड़ी कुर्सियां, अधिकारियों को मिले सख्त निर्देश
कृष्ण मोहन
गोण्डा, 26 अप्रैल 2025।शनिवार को विकास भवन में उस समय हड़कंप मच गया जब मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) ने बिना किसी पूर्व सूचना के विभिन्न विभागों का औचक निरीक्षण कर डाला। अचानक हुई इस छापेमारी में कई चौंकाने वाले नजारे सामने आए।
डूडा कार्यालय में छाई सन्नाटा
निरीक्षण के दौरान जब अधिकारी पीओ डूडा कार्यालय पहुँचे तो वहाँ मात्र एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी अपनी ड्यूटी निभाता मिला, जबकि बाकी कर्मचारियों की कुर्सियाँ वीरान पड़ी थीं। ऐसे में सवाल उठने लगे हैं कि आखिरकार सरकारी कामकाज की रीढ़ माने जाने वाले इन दफ्तरों में जनता के काम कैसे निपटाए जाते होंगे?
अनुपस्थित इंजीनियर और अधूरे आदेश
लघु सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता भी नदारद मिले। जबकि पिछली बार दिए गए साफ-सफाई, नाम पट्टिका लगाने जैसे निर्देशों का कुछ विभागों ने पालन तो किया, लेकिन अधिकांश विभाग जैसे कि लघु सिंचाई, पशुपालन, भूमि संरक्षण, सहकारिता, डूडा, अल्पसंख्यक कल्याण, युवा कल्याण और डीआरडीए विभाग ने पुराने निर्देशों को भी हवा में उड़ा दिया।
कड़ी चेतावनी और नई जिम्मेदारियाँ
मुख्य विकास अधिकारी ने मौके पर ही सख्त लहजे में चेतावनी दी कि सभी कर्मचारी अपने-अपने नाम, पदनाम और कार्यपटल का स्पष्ट उल्लेख करते हुए नाम पट्टिका लगाना सुनिश्चित करें। साथ ही दफ्तर और उसके आसपास साफ-सफाई बनाए रखने के निर्देश भी सख्ती से दिए गए। पूरे मामले की निगरानी के लिए विकास भवन के नाजिर को जिम्मेदारी सौंपी गई है।
उच्च अधिकारियों की मौजूदगी में चला निरीक्षण
यह आकस्मिक निरीक्षण जिला विकास अधिकारी, उप श्रम आयुक्त, परियोजना निदेशक डीआरडीए और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में संपन्न हुआ। इस कार्रवाई से विकास भवन के अन्य कर्मचारियों में भी खलबली मच गई है और उम्मीद की जा रही है कि आने वाले दिनों में कार्यालयों की कार्यशैली में सुधार देखने को मिलेगा।