सड़कों पर बह रहा नालियों का पानी अधिकारियों को गुमराह कर रहे सफाई कर्मी
नागेंद्र प्रताप शुक्ला
बिजुआ खीरी:एक अप्रैल से 30 अप्रैल तक संचारी रोग नियंत्रण अभियान चलाया जाता है। जो पूरे अप्रैल में केवल कागजों पर ही चलता रहा। गांव में तैनात सफाई कर्मचारी तैनाती की जगह जाना पसंद नहीं करते। गांव में साफ सफाई की व्यवस्था को चाक-चौबंद रखने के लिए गांवों में सफाई कर्मचारियों की तैनाती की गई।लेकिन अफसरों की अरुचि के चलते सफाई व्यवस्था का बुरा हाल है।
ब्लाक बिजुआ क्षेत्र की ग्राम पंचायत छैरासी व मजरा गदियाना में सफाई कर्मचारी के न पहुंचने से नालियों का पानी सड़कों पर बह रहा है। गांव की नालियां चोक हैं और कूड़े के ढेरों से पटी हैं। गांव की साफ सफाई के लिए सफाई कर्मी तैनात किए गए हैं। लेकिन वह अपनी जिम्मेदारी और अधिकारियों के आदेशों का कितना पालन करते हैं यह वर्तमान तस्वीर देखकर ही अंदाजा लगाया जा सकता है। यहां पर तैनात सफाई कर्मी नेता गिरी करने में मशगूल हैं। साथ ही अधिकारियों को गुमराह कर रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि सफाई कर्मी कभी कभार गांव में आकर केवल झाड़ू पड़कर फोटो खिंचवाने तक ही सीमित है। वही फोटो कई महीनों तक अधिकारियों को दिखाकर गुमराह किया जा रहा है। वैसे तो सफाई कर्मी की सुबह 8बजे से 3 तक कार्यस्थल पर तैनाती रहनी चाहिए। नियम के अनुसार सफाई कर्मचारी ग्राम प्रधान या संबंधित अधिकारी से अवकाश लिए बिना कार्य स्थल नहीं छोड़ सकते लेकिन यहां तो सफाई कर्मचारी अपने आप को खुद अधिकारी समझते हैं इनको अवकाश लेने की क्या आवश्यकता है।उच्चाधिकारियों के निर्देश हैं कि प्रत्येक ग्राम पंचायत को स्वच्छ रखकर स्वच्छ भारत अभियान का सपना साकार करना है।लेकिन बिजुआ ब्लॉक के धरातल पर इसका तनिक भी असर नहीं दिख रहा है।छैरासी ग्राम पंचायत में सफाई कर्मचारी आशा देवी नियुक्त है जो कई वर्षों से गांव में सफाई करने नहीं पहुंची हैं। लेकिन कागजों पर साफ सफाई कर उनका वेतन जरूर हर माह निकल रहा है।
अप्रैल तक रोस्टर था 2 दिन की छुट्टी है इसके बाद तुरंत गांव की नालियां सफाई कर्मी के द्वारा साफ कर दी जाएंगी।